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सप्ततिका प्रकरण
अब इनके संवेध का विचार करते हैं कि २८ प्रकृतियों का बंध करने वाले सम्यमिथ्यादृष्टि के ३० और ३१ प्रकृतिक, ये दो उदयस्थान तथा प्रत्येक उदयस्थान में ६२ और ८८ प्रकृतिक, ये दो-दो सत्तास्थान होते हैं । २६ प्रकृतियों के बंधक के एक २६ प्रकृतिक उदयस्थान तथा ६२ और ८८ प्रकृतिक, ये दो सत्तास्थान होते हैं। इस प्रकार मिश्र गुणस्थान में तीन उदयस्थानों की अपेक्षा छह सत्तास्थान होते हैं।
मिश्र गुणस्थान के बंध, उदय और सत्ता स्थान के संवेध का विवरण इस प्रकार जानना चाहिये
बंधस्थान
___ मंग
उदयस्थान
भंग
सत्तास्थान
..
-
-
२८
२३०४
६.२, ८८
प्रकृतिक
१२, ८८
२६
६२, ८८
प्रकृतिक
३४६५
(४) अविरत सम्यग्दृष्टि गुणस्थान
मिश्र गुणस्थान में बंध आदि स्थानों को बतलाने के बाद अब चौथे अविरत सम्यग्दृष्टि गुणस्थान के बंध आदि स्थानों को बतलाते हैं कि इस गुणस्थान में तीन बंधस्थान, आठ उदयस्थान और चार सत्ता
स्थान हैं-- 'तिगऽटुचउ !' वे इस प्रकार जानना चाहिये कि २८, २६ Jain Education International For Private & Personal Use Only
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