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। ३१ ) श्रेणिगत और अश्रेणिगत सासादन सम्यग्दृष्टि का न होने का विवेचन
दो प्रकृतिक उदयस्थानों में भंगों की मतभिन्नता गाथा १८
.. ११०-११४ मोहनीयकर्म के उदयस्थानों के भंग बंधस्थान, उदयस्थान के संवेध भंगों का दर्शक विवरण ११४ गाथा १६
११४-११७ उदयस्थानों के कुल भंगों एवं पदवृन्दों की संख्या ११५ गाथा २०
११७-१२२ उदयस्थान व पदसंख्या उदयस्थानों का काल मोहनीय कर्म के उदयविकल्पों और पदविकल्पों का दर्शक
विवरण गाथा २१, २२
१२२-१४२ मोहनीयकर्म के सत्तास्थानों के साथ बंधस्थानों का संवेध निरूपण मोहनीयकर्म के बंध, उदय और सत्ता स्थानों के भंगों का दर्शक विवरण
१४० गाथा २३
१४२ मोहनीयकर्म के बंध आदि स्थानों का निर्देश करने वाली उपसंहार गाथा
नामकर्म के बन्ध आदि स्थानों का कथन करने की प्रतिज्ञा १४२ गाथा २४
१४२-१५५ नामकर्म की उत्तर प्रकृतियों के बन्धस्थान
१४२ नामकर्म के बन्धस् थानों के स्वामी और उनके भंगों का निर्देश
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