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________________ जीवस्थान-अधिकार पञ्चेन्द्रिय, इन चार जीवस्थानों में औदारिक और असत्यामृषावचन, ये दो योग होते हैं। पर्याप्त बादर-एकेन्द्रिय में औदारिक, वैक्रिय तथा वैक्रियमिश्र, ये तीन काययोग होते हैं। (जीवस्थानों में उपयोग:-) पर्याप्त संज्ञि-पञ्चेन्द्रिय में सब उपयोग होते हैं।।५।। भावार्थ-पर्याप्तसंज्ञि-पञ्चेन्द्रिय में छहों पर्याप्तियाँ होती हैं, इसलिये उसकी योग्यता विशिष्ट प्रकार की है। अतएव उसमें चारों वचनयोग, चारों मनोयोग और सातों काययोग होते हैं। यद्यपि कार्मण, औदारिकमिश्र और वैक्रियमिश्र, ये तीन अपर्याप्त-अवस्थाभावी हैं, तथापि वे संज्ञि-पञ्चेन्द्रियों में पर्याप्त-अवस्था में भी पाये जाते हैं। कार्मण तथा औदारिकमिश्र काययोग पर्याप्त अवस्था में तब होते हैं, जब कि केवली भगवान् केवलि-समुद्घात रचते हैं। केवलि-समुद्घात की स्थिति आठ समयप्रमाण मानी हुई है, इसके तीसरे, चौथे और पाँचवें समय में कार्मणकाययोग और दूसरे छठे तथा सातवे समय में औदारिक मिश्र काययोग होता है। वैक्रियमिश्र काययोग, पर्याप्त-अवस्था में तब होता है, जब कोई वैक्रिय लब्धिधारी मुनि आदि वैक्रियशरीर को बनाते हैं। ____ आहारक काययोग तथा आहारक मिश्रकाययोग के अधिकारी, चतुर्दशपूर्वक मुनि हैं। उन्हें आहारकशरीर बनाने व त्यागने के समय आहारकमिश्र काययोग और उस शरीर को धारण करने के समय आहारक काययोग होता है। औदारिक काययोग के अधिकारी, सभी पर्याप्त मनुष्य-तिर्यञ्च और वैक्रिय काययोग के अधिकारी, सभी पर्याप्त देव-नारक हैं। सूक्ष्म-एकेन्द्रिय को पर्याप्त-अवस्था में औदारिक काययोग ही माना गया है। इसका कारण यह है कि उसमें जैसे मन तथा वचन की लब्धि नहीं है, वैसे ही वैक्रिय आदि लब्धि भी नहीं है। इसलिये वैक्रिय काययोग आदि उसमें सम्भव नहीं है। १. यह बात भगवान् उमास्वाति ने कही है 'औदारिकप्रयोक्ता, प्रथमाष्टमसमययोरसाविष्टः। मिश्रौदारिकयोक्ता, सप्तमषष्ठद्वितीयेषु। कार्मणशरीरयोगी, चतुर्थके पञ्चमे तृतीये च। समयत्रयेऽपि तस्मिन्, भवत्यनाहार को नियमात्।। २७६।। -प्रशमरति अधि. २०। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001895
Book TitleKarmagrantha Part 4 Shadshitik
Original Sutra AuthorDevendrasuri
AuthorSukhlal Sanghavi
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2009
Total Pages290
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size13 MB
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