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साहारणकइविरइया कोवानल-जलिउ सणंकुमार तो जंपइ एरिसु दुन्निवारु । रे रे विज्जाहर दुट्ठभाव मज्जाय-विवज्जिय अहम पाव । मह जाय नेवि तुहुं अवहरेहि मई चेव जियंतई ता मरेहि ।
को एत्थ समप्पह खग्गु खग्गु एरिसु भणंतु उढणह लग्गु । १० सो जाव पयट्टउ अमरिसेण ता धरिउ झत्ति विज्जाहरेण ।
देव पसाउ पसाउ करि पवणगइ पयंपइ । एउ कहाणउं तुज्झ पहु जं साहिउ संपइ ॥६॥
न य पुणु पहु सीह-किसोर-जाय सयमवि सत्ताहिय पिय-सहाय । अहिहवइ कयाइ वि सारमेउ ता कह-अवसाणु सुणेउ देउ । तो किंचि विलक्खिय-मुह-वियारु उवविदछु पुणो वि सणंकुमारु ।
पुणरवि आढत्तउं कहेवि तेण इय कहिउ देव विज्जाहरेण । ५ तो सुपुरिस अम्हहं सामियस्स बलिमड्डाए वि पयट्टयस्स। विज्जाहराण असमउ भणेवि रुट्ठिय उद्विय महकालि-देवि । तो भुमिकंपु अइ-रोहु जाउ तह खडहडंतु निवडिउ निघाउ । उक्काउ महंतिउ निवडियाउ उपायहं पंतिउ पयट्टियाउ ।
भणिउ य अणंगरई वि तीए पच्चक्खए होएवि भयवईए। १० भो भो अजुत्तु तुहुं इय करेवि विज्जाहर रायत्तणु लहेवि।
एरिसु कापुरिसह चरिउ जइ पाव करिस्सहि । तो रुवाए महासइए नियमेण मरिस्सहि ॥ ७॥
[८] इय देविहि वयणि भीय गत्तु सो एयह ववसायह नियन्तु । सा दिव्य नारि परहरिय तेण कारण वि केवलु न य मणेण ।
अह सुपुरिस नयरह देवयाए पुव्वं पि कयाइ पच्चल्लियाए । [६] ८. पु० तुहुं परिहवेहि मई चेव जियंते ९. पु खग्ग खग्गु... उट्ठणहं [७] ३. ला० विलविखउ ६. पु० असमओ भरेवि ७. पु० निहाउ ८. ला० उक्काओ
महंतिओ निवडियाओ... पंतिओ पयट्टियाओ ९. ला. भणिओ...पच्चक्खई होइवि
१० ला० तुह ११. ला० कावुरिसह १२. पु० मरिस्सइ [4] १. पु०वयणे...सो यह वव० ३. ला० कया वि. पु० य चल्लि.
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