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विषय-सूची
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विषय
लोकसंख्या समस्त प्रकीर्णक बिलोंकी संख्या संख्यात व असंख्यात यो. विस्तारवाले बिल
५७-५८ धर्मादि पृथिवियोंके प्रथम इन्द्रककी चारों दिशागत ४-४ श्रेणीबद्धोंके नाम
५९-६५ नारक जन्मभूमियोंका आकार व विस्तारादि संख्यात व असंख्यात यो. विस्तारवाले बिलोंका तिरछा अन्तर
७७-७८ नारकियोंके शरीरकी ऊंचाई नारकियोंकी उत्कृष्ट व जघन्य आयु
८०-८१ नारकियोंका आहार व उसकी भीषणता
८२-८४ नारकियोंके अवधिज्ञानका विषय नारकियोंमें सम्भव मार्गणाओंका दिग्दर्शन
८६-८७ नारक बिलोंमें शीत व उष्णकी वेदना
८८-८९ नारकियोंका दुख नारक पृथिवियोंमें सम्भव लेश्याका निर्देश नारकियोंका जन्मभूमिसे निपतन और उत्पतन नारकियोंके जन्म-मरणका अन्तर नारकियोंकी गति व आगति कौन जीव किस किस पृथिवीमें व वहां निरन्तर कितने वार उत्पन्न हो सकते है ९६-९९ मतान्तरसे उन पृथिवियोंमें निरन्तर जानेका प्रमाण
१००-१०१ किस पृथिवीसे निकला हुआ जीव किस किस अवस्थाको प्राप्त कर सकता है __ और किसको नहीं प्राप्त कर सकता है
१०२-४ नारकी किस प्रकारकी विक्रियाको करके अन्य नारकियोंको पीडित करते हैं।
१०५-१० नारक भूमिका स्वाभाविक स्पर्शादि
१११-१२ नरकोंमें दुखकी सामग्री
११३-२२ प्रथम ३ पृथिवियोंमें असुरकुमारों द्वारा नारकियोंको बाधा पहुंचाना
१२३-२४ इष्टके अलाभ व अनिष्टके संयोगसे उत्पन्न दुखका अनुभव करनेवाले नारकियोंका अकाल मरण कभी नहीं होता
१२५-२७ दुष्ट आचरणसे नरकगति प्राप्त होती है ९. नौवां विभाग सिद्धोंको नमस्कार करके व्यन्तरभेदोंके कथनकी प्रतिज्ञा व्यन्तरोंके तीन भेदों व उनके तीन प्रकारके स्थानोंका निर्देश व्यन्तरोंमें आवास व भवन आदि किनके होते हैं आवास और भवनोंकी विशेषता तथा भवनोंके चारों ओर स्थित वेदिकाका ऊंचाईप्रमाण ८-९ महान् व अल्प भवनोंका विस्तारादि
१०-१२ व्यन्तरोंके भवनपुर कहां व किस प्रकारके हैं
१२.४
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