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लोकविभागः
विषय
प्रथमादि मण्डलोंमें चन्द्रकी मुहूर्त परिमित गति
सूर्यके अभ्यन्तर, मध्य और बाह्य भागमें रहनेपर दिन-रात्रि व ताप-तमकी
परिधिका प्रमाण
सूर्यके अभ्यन्तर व बाह्य मार्ग में रहनेपर परिधिगत भागमें दिन-रात्रि मेरुके मध्य भागसे नीचे व ऊपर तापका प्रमाण
लवण समुद्रके छठे भाग व बाह्य आदि वीथियोंमें उस हानि-वृद्धिका प्रमाण
निषधादिके ऊपर सूर्योदयों की संख्या
लवण समुद्रके छठे भागकी परिधिका प्रमाण
सूर्य के अभ्यन्तर, मध्यम व बाह्य वीथिमें होनेपर ताप और तम क्षेत्रका परिधिप्रमाण ९९-१२१ प्रतिदिन होनेवाली ताप व तमकी हानि - वृद्धि
१२२
१२३-२७
१२८
जंबूद्वीपादिमें सूर्य के चारक्षेत्रका प्रमाण
अभिजित् आदि नक्षत्रोंमें दिन, अधिक दिन व गत दिन आदिका प्रमाण
पुष्यादि नक्षत्रों में उत्तरायणकी समाप्ति
दक्षिणायनका प्रारम्भ
युगका प्रारम्भ
दक्षिणायन व उत्तरायणका प्रारम्भ व उनकी आवृत्तियां आवृत्तिगत नक्षत्रके लानेकी विधि
पर्व व तिथिके लानेकी विधि
विषुपका स्वरूप
प्रथमादि विषुपोंकी तिथि और व्यतीत पर्वोंकी संख्या व्यतीत पर्वसंख्या व तिथिके लानेकी प्रक्रिया
आवृत्ति और विषुपकी तिथिसंख्याके लानेकी विधि विषुपमें नक्षत्र के जाननेका उपाय
चन्द्रके क्रमशः शुक्ल और कृष्णरूप परिणत होनेका निर्देश
प्रतिचन्द्र के ग्रह और नक्षत्र
कृत्तिका आदि नक्षत्रोंके तारा व उनकी आकृति
कृत्तिका आदिके समस्त ताराओंका प्रमाण
चन्द्र के किस मार्गमें कौन-से नक्षत्र संचार करते हैं
किस नक्षत्र के अस्त समयमें किसका मध्याह्न व किसका उदय होता है
जघन्य, उत्कृष्ट और मध्यम नक्षत्र
जघन्य आदि नक्षत्रोंके ऊपर सूर्यका संचारकाल
अभिजित् नक्षत्रोंके साथ सूर्य व चन्द्रका संचारकाल
जघन्य आदि नक्षत्रोंके ऊपर चन्द्रका संचारकाल
जघन्य आदि नक्षत्रों व अभिजित् नक्षत्रोंके मण्डलक्षेत्रोंका प्रमाण
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श्लोकसंख्या
८४-८७
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८८- ९५
९६
९७
९८
१२९-३०
१३१-३४
१३५
१३६
१३७
१३८-४६
१४७
१४८-४९
१५०
१५१-६०
१६१
१६२
१६३
१६४
१६५-६६
१६७-७९
१८० १८१-८४ १८५
१८६-८८
१८९
१९०
१९१
१९२-९३
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