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विषय-सूची
विषय
महाहिमवान् के ऊपर स्थित ८ कूट हरिवर्ष क्षेत्रकी जीवा और धनुष निषेध पर्वतकी जीवा और धनुष निषध पर्वतके ऊपर स्थित ९ कूट
दक्षिणार्ध में स्थित क्षेत्र पर्वतादिके समान उत्तरार्ध में स्थित उनका विस्तारादि
चूलिका व पार्श्वभुजाका स्वरूप
नील पर्वतपर स्थित ९ कूट रुमी पर्वत पर स्थित ८ कूट शिखरी पर्वतपर स्थित ११ कूट
ऐरावत क्षेत्रस्थ विजयार्ध के ९ कूट
कुलपर्वतस्य पद्म आदि ६ ह्रद व उनका विस्तारादि
पद्म हृदमें स्थित कमलका विस्तारादि
पद्म ह्रदमें कमलपर स्थित श्रीदेवी के परिवार गृहों की संख्या महापद्मादि शेष ५ हृदोंमें स्थित देवियोंके नामादि
पद्मादि ह्रदोंसे निकली हुई गंगा आदि १४ नदियों का उल्लेख गंगा नदीका वर्णन
गंगा समान सिन्धुके वर्णनका संकेत
तोरणोंपर स्थित दिक्कुमारियोंका निर्देश रोहितास्या, रोहित, हरिकान्ता, हरित् और सीतोदाका उद्गम आदि पूर्व व पश्चिम समुद्र में गिरनेवाली नदियां
हैमवत आदि ४ क्षेत्रों में स्थित वृत्त विजयार्ध ( नाभिगिरि) पर्वतों का वर्णन
धातकीखण्ड और पुष्करार्ध द्वीपमें जंबूद्वीपसे दुगुणे क्षेत्र, पर्वत व नदियोंका निर्देश अन्य जंबूद्वीप में व्यन्तरनगरोंका अवस्थान विदेह क्षेत्रका विस्तार
देवकुरु व उत्तरकुरु क्षेत्रोंकी स्थिति व विस्तारादि
वृक्ष और उसके परिवारवृक्षोंका निरूपण
शाल्मलिवृक्षका अवस्थानादि
चित्र, विचित्र, यमक और मेघकूटका अवस्थान व विस्तारादि सीता नदीके मध्य में स्थित नील आदि ५ हृद
सीतोदाके मध्य में स्थित ५ ह्रद
उन कूटों पर स्थित नागकुमारियों और पद्मभवनों का उल्लेख
प्रत्येक हृदके आश्रित १०-१० कांचन पर्वत
सीता और सीतोदाके तटोंपर स्थित पद्मोत्तरादि ८ कूटोंके नामादि गन्धमादनादि ४ गजदन्तोंका अवस्थान व विस्तारादि
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श्लोकसंख्या
६६-६७
६८-६९
७०-७१
७२-७३
७४
७५
७६-७७
७८
७९-८०
८१-८२
८३-८४
८५
८६
८७
८८-९०
९१-१०४
१०५
१०६
१०७-११
११२
११३-१७
११८
११९
१२०
१२१-२५
१२६-४१
१४२-४४
१४५-४८
१४९-५०
१५१
१५२-५४ १५५-५७
१५८-६२
१६३-६७
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