________________
विषय-सूची
م له له ها
विषय
लोकसंख्या १. प्रथम विभाग जिनेन्द्रस्तवनपूर्वक लोकतत्त्वके कथनकी प्रतिज्ञा पुराणके ५ भेदोंका निर्देश लोकका अवस्थान व उसके ३ विभाग मध्य लोकके मध्यमें अवस्थित जंबूद्वीप और उसके मध्य में स्थित मन्दर पर्वतका निर्देश तिर्यग्लोक, ऊर्ध्वलोक और अधोलोककी स्थिति व उनका आकार जंबूद्वीपका विस्तार जंबूद्वीपकी परिधिका प्रमाण
८-९ भरतादि ७ क्षेत्रों और हिमवान् आदि ६ कुलाचलोंका नामोल्लेख
१०-१२ कुलाचलोंका वर्ण भरतादि क्षेत्रों और हिमवदादि पर्वतोंका विस्तार
१४-१५ प्रकारान्तरसे भरत क्षेत्रका विस्तार विजयार्धका अवस्थान व उसका विस्तारादि
१७-१८ विजयार्धपर स्थित दक्षिण व उत्तर दो विद्याधर-श्रेणियोंका अवस्थान व उनमें क्रमशः स्थित ५० व ६० नगरोंका नामनिर्देश ।
१९-४० इन दो श्रेणियोंके ऊपर १० यो. जाकर अवस्थित आभियोग्यपुरोंका उल्लेख इसके भी ऊपर ५ यो. जाकर विजयार्धकी शिखरस्वरूप तृतीय पूर्णभद्रा श्रेणिका निर्देश ४२ विजयार्धपर स्थित सिद्धायतनादि ९ कूटोंके नाम
४३-४५ सिद्धायतन कूटके ऊपर स्थित जिनभवन दक्षिण व उत्तर भरतका विस्तार
४७ दक्षिण भरतार्धकी जीवा व धनुषका प्रमाण तथा उनके निकालने की विधि
४८-५१ उत्तर भरतार्धकी जीवा और धनुष
५२-५३ सम्पूर्ण भरतकी जीवा और धनुष
५४-५५ हिमवान्, महाहिमवान् और निषध पर्वतोंकी ऊंचाई हिमवान् पर्वतकी जीवा व धनुष
५७-५८ हिमवान् पर्वतपर स्थित ११ कूटोंके नाम
५९-६० इन कूटोंका विस्तारादि । हैमवत क्षेत्रकी जीवा और धनुषका प्रमाण
६२-६३ महाहिमवान्की जीवा और धनुषका प्रमाण
६४-६५ लो. वि. प्रा. ५
- ४६
www.jainelibrary.org
Jain Education International
For Private & Personal Use Only