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१००] लोकविभागः
[१०.२१७एतेषामपि देवीनां सार्धपल्यायुरूनकम् । आहारो न्यूनपक्षार्धाच्छ्वासस्तावन्मुहूर्तकः ॥२१७
कुबेरस्य समानां च स्त्रीणां च वरुणक्रमम् । किंतु संपूर्णमाख्येयं श्वासाहारायुषां स्थितम् ॥२१८ समसोमयमानां च ऐशानायुस्त्रिपल्यकम् । न्यूनपक्षातथाहारः ३श्वासस्तावन्मुहूर्तकः ॥२१९
।३। दि १५ । मु १५। सार्धपल्यायुषो देव्यः सार्धसप्ताहभुक्तयः। श्वासस्तावन्मुहूर्तश्च त्रयं देशोनमेव तत् ॥२२०
।प।
दिमु। कुबेरस्य समानां च देवीनामपि सोमवत् । संपूर्ण वरुणानां तु सातिरेकं त्रयं भवेत् ॥२२१ अच्युतातु त्रिवर्गस्य पूर्वतः पूर्वतः क्रमात् । वर्धयेत्पल्यमेकक जीवितेषु विशारदः ॥२२२ सामानिकप्रतीन्द्राणां त्रास्त्रिशेन्द्रसंज्ञिनाम् । देश्यः षष्टिसहस्राणि नियुतं चादिकल्पयोः ॥२२३
।१६००००। शतानि पञ्च षट् सप्त देव्यः परिषदामपि । आसन्नमध्यबाह्यानां यथासंख्यं विभाजयेत् ॥२२४
।५०० । ६००। ७०० ।
उतने (१५) ही मुहूर्त है ।। २१६ ॥ इनकी देवियोंकी भी आयु कुछ कम डेढ़ (३) पल्य, आहारकाल कुछ कम आधा पक्ष (६५ दिन) और उच्छ्वासकाल उतने (३५) ही मुहूर्त प्रमाण है ।। २१७ ॥
कुबेर, उसके सामानिक और उनकी स्त्रियोंकी आयु, आहार एवं उच्छ्वासका क्रम वरुण लोकपालके समान है। किन्तु उनका वह प्रमाण कुछ कमके स्थानमें सम्पूर्ण कहना चाहिये ।।२१८॥
ईशान इन्द्रके सोम और यम लोकपालों तथा उनके सामानिकोंकी आयु तीन (३) पल्य, आहारकाल कुछ कम एक पक्ष (१५ दिन) और उत्च्छ्वासकाल उतने ( १५) ही मुहूर्त प्रमाण है ।। २१९ ।।
उनकी देवियोंकी आयु डेढ़ (३) पल्य, आहारकाल साढ़े सात (११) दिन तथा उच्छ्वासकाल उतने (११) ही मुहूर्त प्रमाण है । परन्तु इन तीनोंका प्रमाण कुछ कम ही जानना चाहिये ॥२२०॥ कुबेर, उसके सामानिक और इनकी देवियोंकी भी आयु आदिका वह प्रमाण सोम लोकपालके समान सम्पूर्ण है। वरुण लोकपाल आदिकी उपर्युक्त आयु आदि उन तीनोंका प्रमाण कुछ अधिक जानना चाहिये ।। २२१॥
विद्वान् मनुष्यको अच्युत पर्यन्त लोकपाल, सामानिक और इनकी देवियां इन तीनोंकी आयुमें क्रमसे पूर्व पूर्वकी अपेक्षा आगे आगे एक एक पल्य बढ़ाना चाहिये ॥ २२२ ॥
प्रथम दो कल्पोंमें सामानिक, प्रतीन्द्र, त्रास्त्रिश और इन्द्र संज्ञावालोंके एक लाख साठ हजार (१६००००) देवियां होती हैं ।। २२३ ।। अभ्यन्तर, मध्य और बाह्य पारिषद देवोंकी भी देवियां क्रमसे पांच सौ, छह सौ और सात सौ (अ, ५००, म. ६०० बा. ७००)
१ आ प च्छ्वासं ताव । २ प स्त्रीणां वरुण । ३ मा प श्वासं ताव । ४ [माच्युतातु] ।
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