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-SUR]
कुवलयमाला
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1 जीवे मारेसि तुमं जझ्या रे पाव णिद्दओ होउं । तइया ण पुच्छसि चिय कस्स मए किंचि अवरद्धं ॥ मंसं खाइस या जीवाणं चडचडरस फाले । तया ण पुच्छसि चिय करस भए किंचि वर अलि पसि जया रे पावय पावण विएणं तया मुद्रण-यागसि भणसि मए कि पा गेहसि अदिण्णयं चिय जझ्या रे मूढ णिग्धिणो होउं । तया ण पुच्छसि च्चिय कस्स कथं किं व अवरद्धं ॥ परदार- मोहिय-मणो जया रे रमसि अण्ण-जुबईहिं तवा मूढ ण वाणसि भणति मए किं कर्म पावे ॥
सि परिग्गदं रे जया असराल लोह-पढिबढो । तया मूढ ण-बाणसि भणसि मए किं कथं पात्रं ॥ रे रे खेलसि जया रतो आहेडयं सराय-मनो । तइया मूढ ण याणसि एकस्स कए बहुं चुक्को ॥ बालप्पा पसचे सुयगे पीडेसि रे तुमं जया तया मूढ ण याणसि एकस्स कए बहुं चुकते ॥ निया-ममोम्मतो जिंदसि रे सेसमं जनं जया तया मूढ ण याणसि एकस्स कए यहुं चुको ॥ रोहाणुबद्ध-चित्तो मारेमि इमं ति परिणभो जइया । तइया जाणसि सव्वं संपद मुद्दो तुमं जाओ ॥ मोचून हरि-हराई जड्या तं भणसि को व सम्वष्णू वया स जाणसि एहि रे मुद्धमो जामो ॥ वेय-विाणवितो जड़या तं भणसि णत्धि सो धम्मो तया सम्बं आमसि हि रे अयाणओ जानो । पावारंभ- यि दिसि ते साडुणो तुमं जझ्या तझ्या तं चिय जाणसि अण्णो पुण अवणओ सच्चो ॥ णय संति के वि देवाण व धम्मं मूढ जंपसे जया तया चिंतेसि तुमं मं मोनुं जयणए अण्णो ॥
10 मारेह पसुंदारेह महिसवं गत्थि पाव-संबंधो। वइया चिंतेसि तुमं मं मोतं ण-पण अण्णो ॥ विक्षिप्यंति बलीयो मासम्मि सरूहिर-माँसाओ ॥ संगलइ गलिय देहो पारय-रस- सरिस- परिणामो ॥
इस भणमागे चिप फाडे चढवडस्स सम्वंगो सो वि बहु-पाव यसको छिनो खरं व खंडखंडेहिं
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हा ६ सिविलवाणो भइ जलणम्मि जलिय - जालोले । खर-जलण-ताव-तत्ते सामिय तिसिओ त्ति वाहरइ ॥ अ ते विरय-पाला मागे मागे जति जयंता आणेति संब-त कठमाण- फुलिंग-दुपेच्छं ।। अह तम्मि दिण्ण-मेत्ते गुरु-दाह-जलंत-गलय- जीहालो । अलमलमलं ति सामिय णट्ठा गट्ठा हु मे तन्हा ॥ अह ते विणिरणुकंपा मास-रसो वल्लहो ति जंपता । अक्कमिजणं गलए संडास - विडंबिओट्ठाणं ॥ धगधगधगत-चोरं गलिये गलयम्मि देति ते लोहं । तेण च विलिममाणा धार्यति दिसादिसी तो ॥ सर-जल-गलिय-त-संब-पूरियं तव ताविय दिलं वेयरणिं णाम नई मण्णता सीयल जलोहं ॥ धावंति तत्थ धाविर - मग्गालगत घोर-जम- पुरिसा । द्दण णिक्षण भिंद छिंदह मारे मारे ति भणमाणा ॥ अह वेयरणी पत्ता इस त्ति पाउ देति धावंता । तम्मि विलीना लीणा पुणो वि देहं विद्वेति ॥ तो तम्मि हीरमाणा उज्झता कलुणयं चिलवमाणा । कह कह वि समुत्तिष्णा परिसडिय-लुलंत सब्वंगा ॥ अह जल-ताव-तवियं पेच्छति कलंब-बालुया पुलिणं । सिसिरं ति मण्णमाणा धावता कह चिच्छति ॥ तत्थ वि पडलिजता उब्वत्त-परत्तयं करेमाणा । उज्झति सिमिसिमेंता रेणूए चम्म- खंड व्व ॥
असि चक-सत्ति-तोमर-पत्तल-दल- सिलिसित-सहा जाय य धावंति तहिं सहसा उदाहबो महावाओ अद्द सर- मारुष पदयं मसि-पच-वर्ण चलंत-साहालं टिणकर-चरण- जुवा दो भाइयांत सिर वाला गुरु-वाद- दक्षमाणा पेच्छति तमाळ-सामलं जरूये
छायं तिमण्णमाणा असिपत्रायणमि धार्वति ॥ खर-सकर-वेष-पहार- पत्थरूपाय वोमीसो ॥ मुंबई सत्य प्ययरं मिंदंति अंगमंगाई ॥
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कांत विणिभिरण-पोडा दीह-तंत- परभारा ॥ किर शिव्ययेह एसो सीयल-जल-सीय रोहेण ॥
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1 ) P रुह for रे, P has some additional lines after अवरद्धं like this : गेण्हसि अदिन्नयं चिय जर वा रे मूढ निग्धिणो हो । तइया न पुच्छसि चिय कस्स मए किंचि पारद्धं ॥ 2 ) Jom the gāthā : मंसं etc., P फालिउं 3 ) Pom. ten lines from तइया मुद्ध etc. to पीडेसि रे तुमं जश्या 9 ) जाइमयम्मत्तो, P संजणं for सेसयं. 10 ) P मारे सि. 11) हरिहराई, अयाणओ for मुद्धओ. 13 ) P अयाणओ. 14 ) P धम्मो, P तझ्या for जश्या P मम for मं, न यागए. 15 ) ण आणए P न याणए 16 ) P चढचडस्स, P मंसामि for मासम्मि, मांसाओ P मीसाउ. 17 > Pय हु for बहु, P खइरो ब्व 18 ) P जालउले, P तत्तो. 19 ) P आगह आणह जलं, P जंपंति, आणंति तउअ तंबं कढ गलंत for जलंत (emended ), P जीहाला, P सामिय सामिय नट्टाउ मे 21 ) P तह for अह, P भणमाणा for जंपंता, P देती for गलए, P विडिंबि. 22 ) P गलयं, J गलियंमि, ते सित लोहं, P से लोहं, P तेण वि विभिन्न माणा, P दिसादिसिं. P निवह for तंब, P कडिलं for तडिलं, P नेति for णाम. 24 ) P "लग्गंति ज घोर. 25 P निबंधति. 26) ते for तो, उ ललंत for लुलंत. 28 ) : सिमिसिमंता रेणूर मंसखंड वा. पावंति for धावंति, P सरसा, P उद्धावई, Jप्पहार, P वामीसो. 31) P पयारं छिंदंति 32 P सीयजल.
20 ) JP
23 ) णिबंद्धंति
Jदेति तावंता,
29 ) P धावंतं. 30 ) P ) P ललंतं च गुरुभारा. 33 )
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