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३६ उज्जोयणसूरिविरइया
[६७४1 बहु-कोहा बहु-लोहा माइला माण-मोह-पडिबद्धा । जिंदण-गरहण-रहिया आलोयण-णियम-परिहीणा।
एए करंति कम्मं मह कुल-णीद त्ति णिच्छिय-मईया । अवरे भगति वित्ती अम्हाण कया पयावइणा ॥ अवरे वि व्वय-रहिया अवरे धम्मो ति तं चिय पवण्णा । अवरे अवरं दाएंति मूढयं चेय मूढ-मणा ।। जीविय-हेउं एवं करेंति अम्हाण होहिह सुहं ति । ण य जाणति वराया दुक्खमसाहारण णिरए ॥ पिय-पुत्त-भाइ-भइणी-माया-भजाण जा-कए कुणइ । ते वि तडे चिय पहाया भुंजइ एक्लो दुक्खं ॥ गुरु-वेयण-दुक्खत्तो पुरओ चिय सयल-बंधु-वग्गस्स । मरिऊण जाइ णरयं गरुएणं पाव-कम्मेण ॥
६७५) केरिसा ते पुण णरया । अवि य । णक्खत्त-सूर-रहिया घोरा घोरंधयार-दुप्पेच्छा । अहउपहा अइसीया सत्तसु पुढवीसु बहु-रूवा ॥ कहिंचि मेअ-मज-वस-प्फेप्फसाउला । कहिंचि रत्त-पित्त-पूर-पसरंत-णिण्णया। कहिंचि मास-खेल-पूय-पूरिया । कहिंचि . वज-तुंड-पक्खि-संकुला । कहिंचि कुंभीपाय-पञ्चंत-जंतुया । कहिंचि संचरंत-वायसाउला । कहिंचि घोर-सीह-सुणय-संकुला।
कहिंचि चलमाण-चचु-कंक-भीसणा । कहिंचि णिवडत-सत्थवाह-संकुला । कहिंचि कड्डमाण-तंब-तउय-ताविया । कहिंचि 12 पच्चमाण-पाणि-दुग्गंध-गंध-गभिणा । कहिंचि करवत्त-जंत-फालिजमाण-जंतुया । कहिंचि णिवडत-घोर-कसिण-पत्थरा । कहिंचि णरयवालायड्डिय-छुब्भमाण-जलण-जालालुक्खिय-दुक्ख-सद्द-सय-संकुल त्ति । अवि य ।
जं जं जयम्मि दुक्खं दुक्ख-ट्ठाणं च किंचि पुरिसाणं । तं तं भणति णरय जं जरयं तत्थ किं भणिमो॥ 16 अह तम्मि भणिय-पुव्वे पत्ता सत्ता खणेण दुक्खत्ता । पइसंति णिक्खुडेसुं संकड-कुडिलेसु दुक्खेण ॥
जह किर भवगे भित्तीय होइ घडियालय मडह-दारं । णरयम्मि तह श्चिय णिक्खुडाई वीरेण भणियाई ॥
मुत्त-जल-जलु-सलोहिय-पूय-वसा वच्च-खेल-बीहच्छा । दुइंसण-बीहणया चिलीणया होंति दुग्गंधा ॥ 18 अह तेसु णिक्खुडेसुं गेण्हइ अंतोमुहुत्त-मत्तेण । कालेण कम्म-वसओ देहं दुक्खाण आवासं ॥
अइभीम-कसिण-देहो अच्छी-कर-कण्ण-णासिया-रहिओ। होइ णपुंसग-रूवो अलक्खियक्खो कह वि किंचि ॥ जह जह पूरइ अगं तह तह से णिक्खुडे ण माएइ । जह जह ण माइ अंग तह तह वियणाउरो होइ ॥ कह कह वि वेयणत्तो चल-चलणच्छेल्लयं करेमाणो । अह लंबिडं पयत्तो कुड्ड कुडिच्छाओ तुच्छाओ। ता दिट्ठो परमाहम्मिएहिँ अण्णेहिँ गरय-पालेहिं । धावंति ते वि तुट्ठा कलयल-सई करेमाणा ॥ मारेह लेह छिंदह कह फालेह भिंदह सरेहिं । गेण्हह गेण्हह एयं पावं पासेहिं पाएसुं॥ एवं भणमाण च्चिय एक्के कुंतेहिं तत्थ भिंदंति । अवरे सरेहि एत्तो अवरे छिदंति खग्गेहिं । एवं विलुप्पमाणो कड्डितो वि काल-पासेहिं । णिवडतो वज-सिलायलम्मि सय-सिक्करो जाइ॥ णिवडतो च्चिय अण्णे लोह-विणिम्मविय-तिक्ख-सूलासु । भिजइ अवरो णिवडइ धस त्ति घोराणले पाभो॥ णिवडिय-मत्तं एक सहसा छिदंति तिक्ख-खग्गेहिं । अवरे सरहिं तह पुण अवरे कोतेहि भिजति ॥ मुसुमूरति य अण्णे वजेणं के वि तत्थ चूरेति । के वि णिसुभंति दढं गय-पत्थर-लउड-घाएहिं ॥
जंतेसु के वि पीलंति के वि पोएंति तिक्ख-सूलासु । कर-कर-कर त्ति छिंदंति के वि करवत्त-जंतेहिं । 80 छमछमछमस्स अण्णे कुंभीपागेसु णवर पच्चंति । चडचडचडस्स अण्णे उक्कत्तिजति विलवंता॥
६७६) एवं च कीरमाणा हा हा विलवंति गरुय-दुक्खत्ता । कह कह वि बुडबुडेता सणियं एवं पर्यपंति ॥
पसियह पसियह सामिय दुक्खत्तो विण्णवेमि जा किं चि । किं व मए अवरद्धं साहह किं वा कयं पावं ॥ 38 दाऊण सिरे पहरं मह ते जंपंति णिट्ठर-सरेण । रे रे ण-यणह मुद्धो एस वराओ समुज्जूओ ॥
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कह कह
1) P नयण for णियम. 2) कुलणीति ति, P मईय. 3) Pom. अवरे वि व्वयरहिया, वि वयः,P धम्मं ति, P दाणं ति for दाएंति. 4) हेऊ, एयं, P तम्हान for अम्हाण, P नरए. 5) P for जा. 6) P गुरुएणं पुनः 7)" उण ते for ते पुण. 8) Pउय सीया for अइसीया. 9) Pवसापुष्फसा', मंप (?) खेल. 10) कुंभ for कुंभी. 11) कहि बि बलमाणचंचुकंक, विणिवडत P निवडंत, I तउमय. 12) J पडि for पाणि, P दुहंध, P om. गंध. 13) णरयवालो यंथियछुन्भमाण, P छत्तमाण for छन्भमाण, P सय for सद्द. 15) P निफडेसुं संकल.. 16) Pमडहवार नयरंमि तह चिय निकुडाई वीरेहिं. 17) Pom. वच. 18) P निकडेसुं. 19) Pom. कण्ण, P नपुंसय. 20) निक्कडे ण, मायाइ. 21) Pवेयणिल्लो चलचलवेलयं, P अव for अह, P कुच्छाओ for तुच्छाओ. 22) P अह रोद for अण्णेहि, निरय for गरय, P पावंति ते य तुट्ठा. 23) Pछिंदह for भिंदह, Pएं for एयं, P पाडेसु for पाएसु. 24) P भणमाणे, एककंतेहि, Padds सरे before सरेहि, P om. एत्तो. 25) Pय for वि, P जायइ. 26) P अन्नो for अण्णे, P पावो for पाओ. 27) P 'मेत्तो एक्को, P om. तह पुण, P भिंदंति. 28) P अवरे for अण्णे, P पूरंति for चुरेंति. 29) पीलेंति अवरे, for पीलंति के वि, P पूर्यति for पोएंति, P सूलेस, I करेंति for कर त्ति.. 30) 'छमेति for छमस्स, P कुंभीपापसु नवरि, . परिसंता for विलवंता. 31)P विलति गुरुय. 33) P अवरे for अह ते, सरेहि, JP याणइ for यणा (emended).
समुज्जओ P समुजूओ.
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