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कुवलयमाला तओ कुमार कुवलयचंद, एयम्मि एरिसे असारे संसार-वासे पुण कोह-माण-माया-लोह-मोह-मूढ-माणसेहिं भम्हहिं चेय जे । समणुमूर्य ते तुम तुरंगावहरण-पेरंतं एगमणो साहिर्जतं णिसामेहि त्ति ।
६६७) अत्थि बहु-जण्णवाड-जूय-संकुलो अणवस्य होम-धूम-धूसर-गयणंगणो महिसि-चंद्र-सय-संचरंत-कसिण-च्छवी 3 गो-सहस्स-वियरत-धवलायबिर-पेरतो णील-तण-घण-सास-संपया-पम्हलो लोयण-जुयले पिव पुहई-महिलाए वच्छो जाम जणवो। जत्थ य 8 पवण-पहल्लिर-पुदुच्छु-पत्त-सिलिसिलिय-सह-वित्तत्थ । पसरइ रण्णुदेस मय-जूहं पुण्ण-तरलच्छ॥
पुण्ण-तरलच्छ-दसण-णिय-दइया-संभरेत-णयण-जुओ । अच्छई लेप्प-मओ विय सुण्ण-मणो जत्थ पहिययणों ॥ पहिययण-दीण-पुलयण-विम्हय-रस-पम्हुसंत-काययो । अच्छइ पामरि-संस्थो चल-णिच्चल-धरिय-णयण-जुओ॥ णिचल-णयण-जुयं चिय कुवलय-संकाए जत्थ अहिलेइं । अगणिय-केयह-गंधा पुणों पुणो भमर-रिछोली ॥ महुयर-रिछोलि-मिलत-भमर-रुणुरुणिय-सह-जणिएण । मयंगेण जुवाण-जणों उकंतुलय रुणुरुगइ।
इय किंचि-मेत्त-कारण-परंपरुप्पण्ण-कज-रिंछोली । जम्मि ण समप्पइ च्चिय विम्य-रस-ब्भिणा णवरं ॥ जस्य य पिसुणिजति सालि-तृण-महाखलेहिं कलम-रिद्वीओं, साहिजति सुर-भवणं-मंडवेहि जणस्स धम्म-सीलत्तणाई, सीसंति 12 उच्छिट्ठाणिढ-मल्लएहि गाम-महा-भोजाई, उप्पालिजति उद्ध-भय-दंड-जुवर्ल सरिसेहिं केवल-जंतवाएहिं उच्छवण-सामग्गीओ, लघिजति महा-समुद्द-सच्छमेहिं तलाय-बंधेहिं जणवय-विहवई पि, सहजति जत्थ पडिप्पवा-मंडवासत्तायारोहिं दाण16 वहत्तणाई, वज्जरिजति खर-महुर-फरुस-महाघंटा-सद्देहिं गोहण-समिद्धीओ ति । जहिं च दिय-वर-खडियाई दीसंति कमल-16 केसरई विलासिणीयण-अहरयं व, राय-हंस-परिगयाओ दीसंति महत्याण-मंडलीमो दीहियाओ व, कीलंति राय-सुया पंजरेसु
रायंगणे व, दीसंति चक्कवायाई सरिया-पुलिणेसु रहवरेसुं व, सेवंति सावया महारण्णाई जिण-भवणई व तिमवि य। 18 सरिया-जल-तरलच्छ सरोद्ध-तिलयं तमाल-धम्मेलं । सुद्ध-दिय-चारु-सोहं व वहइ धरणीऍ तं देसं ॥ ति
६६८) तत्थत्थि पुरी रम्मा कोसंबी सग्ग-णयर-पडिबिंबा । तुंगहालय-मंदिर-तोरण-सुर-भवण-सोहिल्ला ॥
धवलहर-सिहर-काणण-भममाण-पवंग-जणिय-लच्छीए । कीलासेलं ति इमं जीय णिसम्मति गयणयरा ॥ 81 गंभीर-णीर-फरिहा-समुद्द-पायार-वेड्या-कलिया । जंबुद्दीवं मण्णे सहसा दिवा सुरेहिं पि॥
राव-तुरय-गमण-संताव-जाय-मुह-फेण-पुंज-धवलइए । कोडि-पडागा-णिवहे जा मारुय-चंचले वहइ ॥
जम्मि भषणग्ग-लग्ग णह-लंघण-णीसह-णिसम्मतं । भहिसारियाओं चंदं पणय-सगन्भं उवलहंति ॥ - हम्मिय-तलेसु जम्मि य मणि-कोट्टिम-विष्फुरत-पडिबिंबा । पडिसिाह-जायासंका सहसा ण णिलेंति सिहिणो वि।।
इय केत्तियं व भणिमो जं जं चिय तत्थ दीसए णवरं । अण्ण-णयरीण तं चिय णीसामण्ण हवइ सव्वं ॥ जत्थ य फरिहाओ वि णत्थि जाउ विमल-जल-भरियो । विमल-जल, जे णथि जाइँ ण सरस-तामरस-बिसियई। सरस-तामरसई जे णत्थि जाइँ ण हंस-कुल-चंचु-चुण्णियई । हसउलई जे णत्थि जाई ण णीलुम्पल-दल-भूसियई ॥ १ णीलुप्पल, जे णत्थि जाइँ ण भमिर-भमरउल चुबियई । भमरउलई जे जत्थि जाह ण कुसुम-रेणु-पिंजरियई ॥ कुसुमई जे णस्थि जाइँ जिम्महंत-बहल-मयरंद-परिमलाई ति । अवि य। जलहि-जलोयरम्मि रेहेज व महु-महणस्स वल्लहा । अहव तिकूट-सेल-सिहरोयरि लंका-णयरिया इमा ॥ अहव पुरंदरस्स अलया इव रयण-सुवण्ण-भूसिया। इय सा अमरएहि पुलइज्जइ विम्हियएहि णयरिया ॥
६६९) तं च तारिसं महाणयरिं पिय-पणइणि पिव परिभुजइ पुरंदरदत्तो णाम राया। 33 तुंग-कुल-सेल-सिहरे जो पणई-सउणयाण विस्सामो । जह-चिंतिय-दिपण-फलो दढ-मूलो कप्प-रुक्खो ब्व ॥
33 1) संसारे. 2) तुरंगमापहरण, णिसाहेमि. 3) जन्नबाडुच्छुआसंकुलो. 4) वियलंत, धवलायपिर है धवलापंचिर, बहलो for पम्हलो, जुवलं, पुहर, वच्छा Pवच्छ. 5) Jom.'य. 6) पुण्णुच्छु, सिलिसिय, ' परसद, चुन्न for पुण्ण. "P चुन्न for पुण्ण, २ सुन्नजणो. 8) पुलझ्यः, पामरी. 10) महुरवर, भमिर, उकुट्ठलयं रुणरुणेइ, 12) तत्थ for जत्थ, P तण for तृण (a line is added here on the margin), P सीलत्तणइं. 13)F मलेहिं सि गाम, P भोज्जई, Pउण्फालिज्जति उद्द, P कंबल for केवल, । उत्थुरयणसमग्गिओ संधिज्जति. 14) Pom. पि, J सुणिज्जति, P तत्थ for जत्थ, P मंडवसपायारेहिंतो पावइत्तणई. 15) P वयरिज्जति, P घंट, P जहिं विदियखरखंडियई. 16) F विलासिणी अहरई, dom. , P परिगयओ, P महत्थाणि, P दीहिअउव्व, for व, , सुयसु पंजरोयरेंसु रायंगणेसु. 17) P चकवाइयई, पुलणीसु, P सावयमहारन्नई, om. अवि य. 18) ' सोहब्ब, , मुहं च for व बहा. 19)J कोसंवि. P भवणे. 20) P सिहण 21J दरिहा for फरिहा. 22) धवलाए, P पडाया- 23) 'सारियतो, " उयलहंति. 24) F इंमिययलेसु. 25) P दीसए, P नीसमण्णं वहा. 261 । जत्थ व फरिहउ, I भरियाओ, P विभूसियई. 27) P नवहंसउल, चुगिआई, हंसउलयं, I om. ण,. दलसियइ. 28) P भमर tor भमिर, नव for y. 29) P कसमयं. परिमलयं. 30) P किं होज for रेहेज,
तिउह. 31) " रवण for रयण, P पुलइज्ज, विम्हयएण णय.32) पीयपणहणी, 3 om. णाम. 33), पणईधयण सउण',P वीसम्मो, जय for जह, मूढो for मूलो.
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