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-६२९६]
कुवलयमाला
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बहु-असमंजस घडणा-सएहिं जं भजियं कह वि अर्थ जाि सुट्ट दहया पुता धूया व हिवय चलहिया एवि पुणो लिहिया कई भामेड असो सीसं एयं ते भणमाणावर गंगति से वरेिं
रोग पर्व पिण दिष्णं गेहे क्षिय संडिर्य सम्वं ॥ हा वावन्ति भणती एसा मह वा घरम्म ॥ सुकं तुह कई चिय अपच्छिमो होस् भन्हाणं ॥ एवं किर होहिइ से करो काम र भीए ॥ विदेति तू तस्स पुण्गेहिं बम्हण कुलार्ण किर तरस होइ एवं एसो डोयस्स छडमरयो ||
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8 २९५ ) एयं कुमार लिहियं अण्णं च मए इमं इहं रइयं । पेच्छसु कुणसु पसायं विद्धं किं सोहण होइ ॥ एसो को विजुवाणो एयाऍ समं जुवाण-विलयाए । वियसंत-पंकय मुद्दो लिहिभो किं-किं पि जंपतो ॥ लज्जोणमंत वयणा पार्यगुट्ठय- लित-मद्दिवट्ठा। दइएण किं पि भणिया हसमाणी विलिहिया एत्थ ॥ ● एसो को वि जुवाणो फंसूसव-रस-वसेण हीरंतो । आलिंगंतो लिहिभो दद्दयं अमए स्व णिम्मवियं ॥ णय जाण बराओ एसा मल- रुहिर-युत-श्रीमच्छा असुई कलिमल-लिया को एवं छिवह हरयेहिं ॥ सुई इमं सरीरं विदुहेहिं य निंदियं महापायं तह यि कुर्मति जुवाणा विसमो कम्माण परिणामो ॥ पि मए लिहिये सुरयं बहु-करण-भंग-रमणिनं जंच रमेति जुषाणा सारं सोक्खं ति मता ॥ एए कुमार मूढा अवरोप्परयं ण चेय जाणंति । एवं अलज्जयम्मं अप्पाण- विडंबना - सारं ॥ उसस सस वेवर णयणे मडलेह दीणयं कणह दीइ सिय-सह-विद्धा कुछ मरंति व सुरयग्मि ॥ जं जैसे गुज्झयरं रक्खिज्जइ सयल-लोय-दिट्ठीओो । विणिगूहिज्जइ सुइरं दिट्ठम्मि ससज्झसो होइ ॥ मरुद्दिर-मुत्तवाडोसयशिया असुइ-वाहिणी पावा जो तं पि रमह मूढो णमो नमो वस्त्र पुरिस || सुरण सुंदरं चिय अंते काऊण लजए जेण । असुइं पिव असिऊणं तेण ण कज्जं इमेणं पि ॥ एवं पिए लिहिकीय वि महिलाए मंगल-सएहिं कीरह से फल-उवणं वजिर-तूरोह-सणं ॥
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जाति वराय जं ता अम्हेहिं किं पि एयंते । कुच्छिय-कम्मं रइयं तं पयर्ड होइ लोयस्मि ॥ ६ २९६ ) एसो वि जणो लिहिओ णचंतो रहसतोस भरिय-मणो । ण य जाणए वराभो भत्ताण-विटंबणं एयं ॥ सो पुण गातो लिहिमो णिम्बोलिएण दवणेणं ण य जागए वराओ एवं पविए सम्वं ॥ एसो वि सहइ पुरिसो हा हा पयडाए दंत-पंतीए । जं पि हसतो बंधइ तं रोवंतो ण वेएइ ॥ एसो वि रुयह पुरिसो अंसु-पवाहेण मउलिबच्छीओ । भण्णं बंधइ पावं अपूर्ण वेएइ पुग्व-कथं ॥ पुसो वि भाइ पुरिसो तुरिये कति किं पिचितो ण य जाणए वरानो मधू तुरियं समलियइ ॥ सो मए सुतो लिहिलो वह चिलेहिं अंगेहिं किं सुयसि रे अज्जिर मधू ते जीविये हर ॥ एसो वि मए लिहिलो महो अप्फोडणं करेमाणो सारीर-क्लुम्मतो इंदिय-विसपूर्हि मह हो ॥ एसो विरूवमंतो अच्छइ अत्ताणयं नियच्छंतो । ण य चिंतेइ भउष्णो खणेण रूवं विसंवयइ ॥
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सो वि धणुम्मतो कंठय-कडएहिं भूखिय सरीरो न व बिगणेह अयानो कत्थ धर्म कत्थ वा अम्हे ॥ एसो कुछ-मब-मतो अच्छइ माणेण थलो पुरिसो ण य चिंतेह वरानो कामो वि इमो हवइ जीयो ॥ 80 एसो वि मए लिहिभो लोहुम्भत्तो महं किर लहामि । ण य चिंतेइ भउण्णो कम्म-चसा होइ एयं पि ॥ एसो पंडिया लिहिलो बक्लान- पोत्यय-करो। जाणतो वि जयाह किं जाणं सील- परिदी ॥ एसो तब-मब-मतो मच्छर उद्वेण बाहु-डंडेण काढण हणइ मूढो गन्वेण सवं ण संदेहो ॥
एसो वि कोइ पुरिसो कहिय कोदंड-भासुरो लिहिलो
मारेंतो जीबाई भगतो गरय-वियणाभो ॥
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1 ) P घट्टण for घडणा- 2 ) P जे for जा, पत्ता for पुत्ता, १ जीव for हियय, P वा वाभति भणता एए ते जंडंति ए हु for the 2nd line. 3 ) P एते, P कद्धे भोमेउ अप्पणी, भामेउं अत्तणीसेसो, P तह for तुह, तिय for चिय. 4>
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असझसो for ससज्झ 16 ) सुइर ठमणं Pट्ठवणं. 19) ते for ता, जं
एयं चि भणमाणो, P वारि । एतं किर होहिति से कछुट्टो, P णेरय. 5 ) एते, J म्हेण for ब्रम्हण, किरतस्स होई एसो P होति एतं एसो, उम्मच्छो for छउमत्थो. 6) 3 inter. इमं & मए, Jom. इहं, P रईया । 7 जुआणो, एताए, जुआण, P सुहो for मुद्दो 8 ) लअणमंतवयणो पायंगुट्टायलिहितमहि-, P किम्मि for किं पि, P विहिलिहिया. 9) J जुआणी. 10 ) P जाणार, उ विभच्छा, P अनुई किलमल. 11) P वि for य. 12) P एतंमि for एवं पि, करणिभंगरसणिज्जं ।, जुआणा, P सारसोक्ख 13 ) P एते, P अवरोप्परं. 14) मउलेउ दीणहं, P भणs for कणइ. 15 ) for असुर, P तंमि for तं पि. 17 ) सुंदर चिय, Pइमेणमि ॥. 18 ) Pएयंमि मट, त कम्हे कर्त ति एयं ते. 20 > P रोस for रहस 21 ) णिग्वोलि रण, P जाणे, P एतं. 22 > P वि सदर, रोअंतो. 23) JP वेतेश 24 ) P किम्मि for किं पि चिंतेंतो, जागई. 25 ) P अह निव्विलहिं ए for ते, P वर for इरइ. 26 P इंदियवसएहिं अह निहिओ. 27 वि रुमत्तो, P, णिच्छंतो, P ण इ चितेर, Pखणेण्ण. 28 ) तु for बि, P कणय for कंठय, P चिंतेs for विगणेह, २ अयणओ for अयाणो, P वर्ण for वर्ण. 29 ) P घट्टउ for थडओ P चिंते. 30 ) P inter. मए & वि, P कम्मवो होंति एयं मि ॥. 31 पंडिय यातं P पंडिय वाती, P करायो for करग्गो, विण जाणइ, P सीण्ण for सील. 32 ) P बाहुदंडे, P इ for द्वणइ, P तब ण- 33 ) JP को वि for कोइ ( emended ), P कोदंड, P मारतो, P अगणतो, वियणाई ॥.
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