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कुषलयमाला पित्तं सबरत्तण ति चिंतयंतेण भणिय 'एणिए, के उण इमेति । एणियाए भणियं 'कुमार, एए पत्त-सबरया, एस्थ वणे । णिवसंति, अणुदिणं च पेच्छामि इमे एस्थ पएसे' । तओ कुमारेण भणियं 'एणिए, ण होंति इमे पत्त-सबरय' त्ति । तीए मणिय 'कुमार, कह भणसि' । 'भणामि समुद्द-सत्थ-लक्खणेणं' ति। तीए भणियं 'किं सामुई कुमारस्स परिणयं । तेण ३ भणिय 'किंचि जाणामि' । तीए भणियं 'अच्छंतु ताव इमे पत्त-सबरया, भणसु ता उवरोहेणं पुरिस-लक्खणं' ति । कुमारेण भणियं 'किं वित्थरओ कमि, किं संखेवओ' त्ति । तीए भणियं 'केत्तियं वित्थरओ संखेवओ वा' । कुमारेण भणिय 'वित्थरओ लक्खप्पमाण, संखेवओ परिहायमाणं जाव सहस्सं सयं सिलोगं वा' । तीए भणियं 'संखेवओ साहस ।। तेण भणियं ।
'गतेर्धन्यतरो वर्णः वर्णान्यतरः स्वरः । स्वराद्धन्यतरं सत्त्वं सर्व सस्वे प्रतिष्ठितम् ॥ एस संखेवो' त्ति।
६२१६) भणियं च तीए ईसि विहसिऊण 'कुमार, एस अइसंखेवो, सक्कयं च एयं, ता मणय विस्थरेण भणसु पायएणं' ति । तेण भणियं 'जह एवं ता णिसुणसु । अवि य । 12 पुव्व-कय-कम्म-रइयं सुहं च दुक्खं च जायए देहे । तत्थ वि य लक्खणाई तेणेमाई णिसामेह ॥
अंगाइँ उवंगाई अंगोवंगाई तिणि देहम्मि । ताणं सुहमसुहं वा लक्खणमिणमो णिसामेहि ॥
लक्खिजइ जेण सुहं दुक्खं च णराण दिहि-मेत्ताणं । तं लक्खणं ति भणियं सम्वेसु वि होइ जीवेसु ॥ 18 रत्तं सिणिद्ध-मयं पाय-तलं जस्स होइ पुरिसस्स ।ण य सेयणं ण वकं सो राया होइ पुहईए॥
ससि-सूर-वज-चकंकुसे य संखं च होज छत्तं वा । अह वुड्ड-सिणिद्धामओ रेहाओ होंति णरवइणो॥
भिण्णा संपुण्णा वा संखाई देंति पच्छिमा भोगा । मह खर-वराह-जंबुय-लक्खंका दुक्खिया होति ॥ 18 बट्टे पायगुटे अणुकूला होइ भारिया तस्स । अंगुलि-पमाण-मेत्ते अंगुटे भारिया दुइया ॥
जह मज्झिमाएँ सरिसो कुल-वुड्डी अह अणामिया-सरिसो । सो होइ जमल-जणओ पिउणो मरणं कणिट्टीए॥ पिहुलंगुटे पहिओ विणयग्गेण च पावए विरहं । भग्गेण णिश्च-दुहिओ जह भणिय लक्खणण्णूहिं॥ दीहा पएसिणी जस्स होइ महिलाहि लंधिो पुरिसो । स चिय मडहा कलहपियस्स पिय-पुत्त-विरह वा ॥ मह मज्झिमा य दीहा धण-महिलाण विणासणं कुणइ । तइया दीहा विजाहिवाण मडहा पुणो कण्णा ॥ जइ दीहा तुंगा वि य पएसिणी पेच्छसे कणिट्ठा वा। तो जगणी जणय वा मारेइ ण एत्थ संदेहो । उत्तुंग-णहा धण्णा पिहुलेहि णरा सुहाइँ पार्वति । रुक्खेहि दुक्खिया विय मायरिस समेहि रायाणो । तंवेहि दिव्व-भोगी सुहिओ पउमेहि णरवई-पुत्तो । समणो सिएहि पाएहि फुल्लिएहिं च दुस्सीलो।
मज्झे संखित्त-पायाणं इत्थि-कज्जो महं भवे । णिम्मंसा उक्कडा जे य पाया ते धण-वजिया ॥ 37 जे दीह-थूर-जंघा वराह-जंघा य काय-जंघा य । ते दीह-दुक्ख-भागी अद्धाणं णिच्च पडिवण्णा ॥
जे हंस-आस-वारण-चक्काय-मोर-मयवइ-वसह-समा । ते होंति भोग-भागी गईहि सेसाहिँ दुक्खत्ता ।
जाणू जस्स भवे गूढो गुप्फो वा सुसमाहिओ। सुहिमओ सो भवे णिच घड-जाणू ण सुंदरो॥ 80 जह दक्खिणेण चलियं लिंग तो होइ पुत्तमो पढम । मह वाम तो धूया भोगा पुण उज्जए होति ॥
दाहिण-पलंब-वसणे पुत्तो धूया य होइ वामम्मि । होति समेसु य भोगा दीहर-बट्टेसु तह पुत्तो॥
जह होति तिणि वसणा सुहमा वा वट्टिया तो राया। उक्खुडुए थोवाऊ होइ पलंबम्मि दीहाऊ। 83 हस्सो पउम-सवण्णो मणि-मझो उण्णो सुही लिंगो। वंक-विवण्ण-सुदीहे णिण्णयले होइ दोहग्गं ।
रात
1)[पत्तसपरतणं], Pएते for ए. 2) पत्तसबरे त्ति P पत्तस्सवरय ति, तीअ for तीए. 3) Padds सा before समुह, Pom. सत्य, P लक्खणहि त्ति, तीअपरिइ for परिणयं. 4) सत्य, लक्खाह ति, ता, पारRA LOT परिणयः
तीअ, Pता for ताव, लक्खणं च
ती, ता for ताव ति. 5) विन्थरतो, संखेवतो, ती भणि, वित्थर for वित्थरओ. 6)P जाय for जाव, ती. 8) गते न्य'. JP वर्णः [वर्णो], JP वर्णाद्धन्यतरः IP सत्वं, P सत्वे प्रतिष्ठितमिति. 9) संखेवओ. 10) P adds सि before ईसि, I inter. एअं&च, Jadds एs before ता. 12) J असुहं च for दुक्खं च, ३ एणि इमाई for तेणेमाई, णिसामेहि. 13) उवंगाइ य अंगों'. 15) Pरत्तसिणिर्छ, र होति for होइ. 16) P होइ for होज्ज, बुद्धि. 17) Pसंखाई, P अहि for अह. 18) P अंगुलपमाण. 19) अहमणामिआ सरिसा । ता होइ जमडजणओ. 20)P पिलंगुट्ठो. 21)
दीहाए for दीहा, P महिलाई लंघिउं, P विरहो ब्व. 22) om. य. 24) आयरिय- P आयंस. 25) Pदीह for दिव्व, J भागी for भोगी, J पाएहिं for पउमे हिं, रत्ता for पुत्तो, P सिएहिं पीएहिं वम्हहा दुस्सीलो फुलि', om. च, Pom. दस्सीलो. 26) Jम, P कज्जे वहंतवे. 27) Jथूल for थर. 28) P हंसचायढचकामोरायमयवइसमाहि, मयवसह, Pगतीहिं. 29) Pहु before सो. 30)P लिंग विणयं for चलियं लिंग, भोगा उण. 31)P विसणो for बसणे, होति for होइ, अपरसु (corrected as तह पुत्तो) P पूएसु. 32) P विसणा for वसणा, भा for वा, वडिया, उकडए. 33)Pउज्झओ for उण्णओ, P मज्झे, सुदीहो.
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