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१३० उज्जोयणसूरिविराया
[१२१६'1 जो कुणइ मुत्त-छद्दी बहु-धीय मोत्तियप्प होइ । णीलुप्पल-दहि-मंडे हरियालामे य रायाणो॥
मंसोवइया पिहला होइ कडी पुत्त-धण्ण-लाभाए । संकड-हस्साएँ पुणो होइ दरिदो विएसोय॥ वसह-मऊरो सिंहो वग्यो मच्छो य जइ समा उयरे । तो भोगी वहम्मि य सूरो मंडुक कुच्छी य॥ गंभीर-दक्खिणावत्ता णामी भोगाण साहिया होइ । तुंगा वामावता कुलक्खयं कुणइ सा णाही ॥ पिहलं तुंग तह उपणयं च सुसिणिद्ध-रोम-मयं च । वच्छयलं सुहियाण विवरीयं होइ दुहियाण ॥ सीह-सम-पट्ठि-भाया गय-दीहर-पट्टिणो य ते भोगी। कुम्म-सम-पुट्ठि-भाया बहु-पुत्ता अस्थ-संपण्णा । उबद्ध-बाहुणो बद्धा दासा उण हॉति मडह-बाहुणो पुरिसा । दीहर-बाहू राया पलंब-बाहू भवे रोगी॥ मेस-विस-दीह-खंधो जिम्मंसो भार-वाहओ पुरिसो । सीह-सम-मडह-मंसल-बग्घ-क्खंधे धणं होइ । दीह-किस-कंठ-भाया पेसा ते कंबु-कंठया धणियो। दीहर-णीमस-णिहो बहु-पुत्तो दुक्खिओ पुरिसो॥ पीगोट्टो सुभगो सो मडहोटो दुक्खिओ चिरं पुरिसो। भोगी लंबोटो वि य विसमोठ्ठो होइ मीसणओ।
सुद्धा समा य सिहरी घण-णिद्धा राहणो भवे दंता । विवरीया पेस्सा जह भणिय लक्खणण्णूहिं॥ ४ बत्तीसं राईणं एकत्तीसं च होइ भोगीर्ण । मझ-सुहाण य तीसं ए. ऊणा अउण्णाण ॥
भइ-बहु-थोवा सामा मूसय-दंता य ते जरा पावा । बीभच्छ-करालेहि य विसमेहि होति पावयरा ॥ काला जीहा दुहिणो चित्तलिया होइ पाव-णिरयागं । सुहुमा पउम-दलाभा पंडिय-पुरिसाण णायब्वा । गय-सीह-पउम-पीया तालू य हवंति सूर-पुरिसाण । कालो णासेइ कुलं णीलो उण दुक्खओ होइ। जे कोंच-हंस-सारस-पूसय-सहाणुलाइणो सुहिआ। खर-काय-भिण्ण-भायल-रुक्ख-सरा होंति धण-हीणा ॥ सुहओ विसुद्ध-णासो अगम्म-गामी भवे उ छिण्णम्मि । [.......... ................................] दीहाए होइ सुही चोरो तह कुंचियाएँ णासाए । चिविडाएँ होइ पिसुणो सुयणो दीहाएँ रायाणो ॥ सूई-समाण-णासो पावो तह चेव वंक-णासो य । उत्तुंग-थोर-णासा हल-गोउल-जीविणो होति ॥ मयवइ-वग्ध-सरिच्छा णीलुप्पल-पत्त-सरिसया दिट्ठी । सो होइ राय-लच्छी जह-भणिय लक्खणण्णूहिं॥ मह-पिंगलेसु अत्थो मज्जार-सोहि पावओ पुरिसो। मंडल-णिब्भा चोरो रोद्दा उण केयरा होंति ॥ गय-णयणो सेणवई इंदीवर-सरिसएहि पंडियया। गंभीरे चिर-जीवी अप्पाऊ उत्थलेहि भवे ॥
भइकसण-तारयाण अच्छीण भगंति कह वि उप्पाडं । थूलच्छौँ होइ मंती सामच्छो दुब्भगो होइ ॥ - दीणच्छो धण-रहिमओ विउलच्छो होइ भोग-संपण्यो । णिस्सो खंडप्पच्छो भइरत्तो पिंगलो चोरो॥
कोंगच्छो वह-भागी रुक्खच्छो दुक्खिओ णरो होइ । अइविसम-कुक्कुडच्छो होइ दुराराहओ पुरिसो॥ कोसिय-णयगालोए पुजो महुपिंगलेसु सुहयं ति । [........
..............॥ काणाओ वरं अधो वरं काणो ण केयरो। वरमंधो वि काणो वि केयरो वि ण कायरो॥ एएहि सम सुंदरि पीई मा कुणसु तेहि कलहं वा । पुरिसाहमाण पढमा एए दूरेण वजेसु ॥ सुत्त-विउद्ध व्य जहा अबद्ध-लक्खा अकारणे भमह । रुक्खा गिलाण-रूवा दिट्ठी पावाण णायव्वा । उजयमवलोएंतो तिरियं पुण कोवणो भवे पुरिसो । उटुं च पुण्ण-भागी अहो य दोसालओ होइ॥ हीण-भुमयाहिँ पुरिसा महिला-कजे य बंधया होति । दीहाहि य पिहुलाहि य सुहया ते माणिणो पुरिसा॥
मडहेहि य थूलेहि य महप्पमाणेहि होंति धण-भागी। मूसय-कण्णा मेहाविणो य तह रोमसेहि चिरजीवी। 33 विउलम्मि भालवढे भोगी चंदेण सरिसए राया । अप्पाऊ संखित्ते हुंडे पुण दुक्खिया होंति ॥
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1) मोत्तियं पभP मोत्तियप्पभो. 2) मंसोबच्चिया. 3) मंडूक, कुक्खी य. 5)Jadds य befor रोम, वच्छत्थल, विरायइ for सुहियाण. 6) F पट्टि for पुट्ठि: 7) भोगी for रोगी. 8) P adds होइ after णिम्मंसो, . सामल for मंसल, खद्धे P खंडे, Pोंति for होइ. 9) Jहाया for भाया, धगिणा, णिहून पिवू, दक्खिओ for क्खिओ. 10) Jबीभणओ for भीएणओ. 11) विवरीता, P सेसाणं for पेस्साणं. 12) Jहोति for होइ. 13) थोआ. J मूसादंता, P बीभत्स, विसमेहि य होति. 14) P जीवा सुहिणो, पाव for पाण. 15) पीता, तालुया हवंति, P दक्खिओ. 16) J जो for जे, P सारसमूसय, सहाणुणाइणो, P सुहिओ, P भायणरुक्खयरा. 17) अनंमगामी, तु for उ. 18)dom. होइ, कुंचिताए, P चिविडीए. 19) सुई for सुही, चेंज, वकणासो, Pथोरनासो. 20) सरिसआय जा दिदी. 21) P पिंगुलेसु, P मंडलजुण्हा चोरो, र रोदो, P केयरो होइ. 22)P सेणावई, गंभीरेहि चिर: 23) J अइकसिण, मई for मंती, सावकछो, दुहवो. 24) संपुण्णो, अतिरत्तो. 25) कागच्छो for कोंगच्छो. 26) P -नयणोलाए, J पुज्जामह, P सुहियं. 27) P वर अंधो काणो य वरं न. 28) J एतेहिं, पीर्ति. 29) सुता विडम्ब P सुचविउट्रो ब्व. 30) Pउजुयमबलायती, Jadds उजु before तिरिय, Jom. पुण, Jom. भवे, Pउद्ध. भाई मधोक, P त for य. 31) कज्जेहिं बंधया, Pय कदया, P पुरिसो ॥.33) भालवट्ठो, P सरिसओ.
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