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द्रव्य पर्याय के भेद में सात तत्त्व हेय, ज्ञेय, उपादेय के भेद से सात तत्व स्वज्ञेय, परज्ञेय के भेद से सात तत्त्व सम्यक् श्रद्धा के साथ सम्यक चारित्र का अविनाभावी संबंध पर्याय उपेक्षणीय कहने से स्वच्छन्दता की संभावना का निराकरण द्रव्य कर्म, भाव कर्म की मुख्यता से सात तत्त्वों का ज्ञान श्रद्धा प्रधानता एवं ज्ञान प्रधानता
से सात तत्त्वों की समझ निश्चय के साथ व्यवहार होता ही है
सम्यग्दर्शन ज्ञान चारित्राणि मोक्षमार्ग निश्चय सम्यग्दर्शन के साथ देवशास्त्र गुरु, की श्रद्धा आदि की अनिवार्यता कैसे ? निश्चय व्यवहार का स्वरूप निश्चय के साथ व्यवहार-मोक्षमार्ग का निमित्त,
सहचारी एवं उपचारपना कैसे ? प्रामाणनयैधिगम
प्रमाण, नय के लक्षण आगमशैली एवं अध्यात्मशैली नयज्ञान से लाभ नयों का प्रयोजन नयों के भेदप्रभेद निश्चय नय एवं व्यवहार नय तथा निश्चय व्यवहरा मोक्षमार्ग में अन्तर अनेकांत एवं स्याद्वाद उपसंहार
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