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जमालि की प्रव्रज्या
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(२) कुण्डपुरं नगरं, तत्थ जमाली सामिस्स भाइणिज्जो ... - आवश्यक हरिभद्रीय टीका, पत्र ३१२-२
(३) महावीरस्य भगिनेयो
-ठाणांग सूत्र सटीक, उत्तरार्द्ध, पत्र ४१०-२ (४) तेणं कालेणं तेणं समरणं कुंडपुरं नयरं । तत्थ सामिस्स जेट्ठा भगिणी सुदंसणा नाम । तीए पुत्तो जमालि - उत्तराध्ययन नेमिचन्द्र की टीका सहित, पत्र ६६-१, उत्तराध्ययन शान्त्या - चार्य की टीका पत्र १५३-१
जमालि का विवाह भगवान की पुत्री से हुआ था । इसका भी जैनशास्त्रों में कितने ही स्थलों पर उल्लेख है :
( १ ) तस्य भार्या श्रीमन्महावीरस्य दुहिता...
( २ ) तस्स भज्जा सामिणो
( ३ ) तस्य भार्या स्वामिनो दुहिता...
- आवश्यक हारिभद्रीय वृत्ति, पत्र ३१२-२ विशेषावश्यक भाष्य सटीक में भगवान् की पुत्री के तीन नाम
दिये हैं :
- सटीक विशेषावश्यक भाष्य, पत्र ९३५ धूया...
उत्तराध्ययन नेमिचन्द्र की टीका सहित, पत्र ६६ - १
:--
ज्येष्ठा, सुदर्शना तथा अनवद्या'
( १ ) - पत्र ६१५
पर कल्पसूत्र ( घूत्र १०९, ) मैं महावीर स्वामी भी पुत्री के केवल दो नाम दिये हैं— अणोज्जा और पियदसणा
जमालि ने एक दिन देखा कि, बहुत बड़ा जन समुदाय क्षत्रियकुण्ड
१ - आवश्यक की हारिभद्रीय टीका में भी ये तीन नाम दिये हैं । पर नेमिचन्द्रकी उत्तराध्ययन की टीका में ( पत्र ६६ - १ ) नाम अशुद्ध रूप में अज्जंगी छप गया है ।
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