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________________ जमालि की प्रव्रज्या २५ (२) कुण्डपुरं नगरं, तत्थ जमाली सामिस्स भाइणिज्जो ... - आवश्यक हरिभद्रीय टीका, पत्र ३१२-२ (३) महावीरस्य भगिनेयो -ठाणांग सूत्र सटीक, उत्तरार्द्ध, पत्र ४१०-२ (४) तेणं कालेणं तेणं समरणं कुंडपुरं नयरं । तत्थ सामिस्स जेट्ठा भगिणी सुदंसणा नाम । तीए पुत्तो जमालि - उत्तराध्ययन नेमिचन्द्र की टीका सहित, पत्र ६६-१, उत्तराध्ययन शान्त्या - चार्य की टीका पत्र १५३-१ जमालि का विवाह भगवान की पुत्री से हुआ था । इसका भी जैनशास्त्रों में कितने ही स्थलों पर उल्लेख है : ( १ ) तस्य भार्या श्रीमन्महावीरस्य दुहिता... ( २ ) तस्स भज्जा सामिणो ( ३ ) तस्य भार्या स्वामिनो दुहिता... - आवश्यक हारिभद्रीय वृत्ति, पत्र ३१२-२ विशेषावश्यक भाष्य सटीक में भगवान् की पुत्री के तीन नाम दिये हैं : - सटीक विशेषावश्यक भाष्य, पत्र ९३५ धूया... उत्तराध्ययन नेमिचन्द्र की टीका सहित, पत्र ६६ - १ :-- ज्येष्ठा, सुदर्शना तथा अनवद्या' ( १ ) - पत्र ६१५ पर कल्पसूत्र ( घूत्र १०९, ) मैं महावीर स्वामी भी पुत्री के केवल दो नाम दिये हैं— अणोज्जा और पियदसणा जमालि ने एक दिन देखा कि, बहुत बड़ा जन समुदाय क्षत्रियकुण्ड १ - आवश्यक की हारिभद्रीय टीका में भी ये तीन नाम दिये हैं । पर नेमिचन्द्रकी उत्तराध्ययन की टीका में ( पत्र ६६ - १ ) नाम अशुद्ध रूप में अज्जंगी छप गया है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001855
Book TitleTirthankar Mahavira Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayendrasuri
PublisherKashinath Sarak Mumbai
Publication Year1962
Total Pages782
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, & Story
File Size10 MB
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