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________________ ६४८ तीर्थकर महावीर अभयकुमार के परामर्श पर अपनी एक कन्या का विवाह मेतार्यमुनि से किया था। श्रेणिक को एक बहन थी । उसका नाम सेणा था । एक विद्याधर से उसका विवाह श्रोणिक ने कर दिया था। विद्याधरों ने उसे मार डाला तो उसकी पुत्री श्रेणिक के यहाँ भेज दी गयी। जब वह कन्या युवती हुई तो श्रेणिक ने उसका विवाह अभयकुमार से कर दिया। श्रेणिक किस धर्म का अवलम्बी था? श्रोणिक किस धर्म का अवलम्बी था, इस सम्बन्ध में तरह-तरह के विवाद प्रायः होते रहते हैं । बौद्ध-ग्रन्थों में उसे बौद्ध बताया गया है । दलसुख मालवणिया ने 'स्थानांग-समवामांग' के गुजराती-अनुवाद में लिख डाला-"मुझे लगता है कि पहले श्रेणिक भगवान् महावीर का भक्त रहा होगा। पीछे भगवान् बुद्ध का भक्त हो गया होगा। सम्भवतः इसी के फलस्वरूप जैन-कथा-ग्रन्थों में उसे नरक में जाने का उल्लेख मिलता है। पर, जैन-ग्रन्थों में उसका जिस रूप में उल्लेख मिलता है, उससे उसके जैन-श्रावक होने के सम्बन्ध में किंचित् मात्र शंका नहीं रह जाती । त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र में उसके पिता के सम्बन्ध में आता है । १-उपदेश माला सटीक, पत्र २७५ । भरतेश्वर बाहुबलि वृत्ति , प्रथम भाग, पत्र ६०-२ । आवश्यक मलयगिरि-टीका, तृतीय भाग, पत्र ४७८-१ । आवश्यक हारिभद्रीय टीका, पत्र ३६८-२ आवश्यकचूर्णि पूर्वार्द्ध पत्र ४९४ । २-आवश्यकचूर्णि, उत्तरार्द्ध, पत्र १६० । ३--डिक्शनरी आव पाली प्रापर नेम्स, भाग २, पृष्ठ २८५ । ४---स्थानांग-समवायांग (गुजराती), पृष्ठ ७४१ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001855
Book TitleTirthankar Mahavira Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayendrasuri
PublisherKashinath Sarak Mumbai
Publication Year1962
Total Pages782
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, & Story
File Size10 MB
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