SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 707
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भक्त राजे ६३६ उसी ग्रन्थ में अन्यत्र उसकी १० अन्य रानियों की चर्चा है : -१४ काली, १५ सुकाली, १६ महाकाली, १७ कण्हा, १८ सुकण्हा, १९ महाकण्हा, २० वीरकहा, २१ रामकण्हा, २२ पिउसेणकण्हा, २३ महासेणकण्हा । इनके अतिरिक्त श्रोणिक की एक पत्नी वैशाली के राजा चेडग की पुत्री चेल्लणा थी । इसका विवाह कैसे हुआ इसकी विस्तृत चर्चा आवश्यक चूर्णि उत्तरार्द्ध', त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र, उपदेशमाला , आदि कितने ही जैन-ग्रन्थों में आती है । विवाह के प्रस्ताव पर चेडग ने श्रेणिक को अपने से नीच कुल का कहकर इनकार कर दिया था। इस पर अपने पुत्र अभय की सहायता से श्रेणिक ने चेल्लणा को चेटक के महल से निकलवा लिया। इसी चेल्लणा का पुत्र कूणिक बाद में राजगृह की गद्दी पर बैठा । __निशीथचूर्णि में श्रेणिक की एक पत्नी का नाम अपतगंधा आया है। नंदा से श्रेणिक के विवाह का भी बड़ा विस्तृत वर्णन जैन-ग्रंथों में मिलता है । जब श्रेणिक भागकर वेन्नायड ( वेण्णातट ) चला गया था तो वहीं उसने नंदा से जो एक व्यापारी की पुत्री थी, विवाह कर लिया १-आवश्यकचूर्णि उत्तराद्ध पत्र १६४-१६६ । २-त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र, पर्व १०, सर्ग ६, श्लोक १८६-२२६। ३-उपदेशमाला सटीक पत्र ३३८-३४०।। ४-यह 'कूणिक' शब्द 'कूणि' से बना है। आप्टेज संस्कृत-इंग्लिश डिक्शनरी, भाग १, पृष्ठ ५८० में 'कूणिका' अर्थ 'हिटलो' दिया है। बचपन में कूणिक की उँगली में जख्म होने से लोग उसे कूणिक कहने लगे। ५-निशीथचूर्णि सभाष्य, भाग १, पृष्ठ १७ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001855
Book TitleTirthankar Mahavira Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayendrasuri
PublisherKashinath Sarak Mumbai
Publication Year1962
Total Pages782
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, & Story
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy