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________________ भक्त राजे 9 महाबल पुरिमताल-नामक नगर था । उसके उत्तरपूर्व दिशा में अमोघदर्शी - नामक उद्यान था । उस उद्यान में यश्चायतन था । अमोघदर्शी - नामक यक्ष का उस पुरिमताल - नामक नगर में महाबल - नामक राजा था । एक बार भगवान् महावीर ग्रामानुग्राम विहार करते हुए पुरिमतालनगर में आये तो महाबल भी कूणिक के समान उनकी वंदना करने गया । मित्र Jain Education International * ६०७ वाणिज्यग्राम-नामक नगर के उत्तरपूर्व दिशा में दुइपलाश - नामक उद्यान था । उसमें सुधर्म नामक यक्ष का यक्षायतन था । उस वाणिज्यग्राम में मित्र-नामका राजा था । उस राजा की पत्नी का नाम श्रीदेवी था । एक बार भगवान् ग्रामानुग्राम विहार करते हुए वाणिज्यग्राम गये तो कूणिक के समान मित्र भी उनकी वंदना करने गया । मित्रनन्दी साकेत - नामक नगर में उत्तरकुरु-उद्यान था । उसमें पाशामृग-यक्ष का यक्षायतन था । १ - विपाकसूत्र ( पी० एल० वैद्य - सम्पादित ) श्रु० १, अ० ३, पृष्ठ २६-२७ । २ – विपाकसूत्र ( पी० एल० वैद्य - सम्पादित ) श्रु० १, अ० २, पृष्ठ १६-१७ ३ – विपाकसूत्र ( पी० एल० वैद्य - सम्पादित ) श्रु० २, अ० १० पृष्ठ ८३ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001855
Book TitleTirthankar Mahavira Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayendrasuri
PublisherKashinath Sarak Mumbai
Publication Year1962
Total Pages782
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, & Story
File Size10 MB
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