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भक्त राजे
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महाबल
पुरिमताल-नामक नगर था । उसके उत्तरपूर्व दिशा में अमोघदर्शी - नामक उद्यान था । उस उद्यान में यश्चायतन था ।
अमोघदर्शी - नामक
यक्ष का
उस पुरिमताल - नामक नगर में महाबल - नामक राजा था । एक बार भगवान् महावीर ग्रामानुग्राम विहार करते हुए पुरिमतालनगर में आये तो महाबल भी कूणिक के समान उनकी वंदना करने गया ।
मित्र
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वाणिज्यग्राम-नामक नगर के उत्तरपूर्व दिशा में दुइपलाश - नामक उद्यान था । उसमें सुधर्म नामक यक्ष का यक्षायतन था ।
उस वाणिज्यग्राम में मित्र-नामका राजा था । उस राजा की पत्नी का नाम श्रीदेवी था ।
एक बार भगवान् ग्रामानुग्राम विहार करते हुए वाणिज्यग्राम गये तो कूणिक के समान मित्र भी उनकी वंदना करने गया ।
मित्रनन्दी
साकेत - नामक नगर में उत्तरकुरु-उद्यान था । उसमें पाशामृग-यक्ष का यक्षायतन था ।
१ - विपाकसूत्र ( पी० एल० वैद्य - सम्पादित ) श्रु० १, अ० ३, पृष्ठ २६-२७ ।
२ – विपाकसूत्र ( पी० एल० वैद्य - सम्पादित ) श्रु० १, अ० २, पृष्ठ १६-१७
३ – विपाकसूत्र ( पी० एल० वैद्य - सम्पादित ) श्रु० २, अ० १०
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