________________
६०६
तोर्थंकर महावीर
उस नगर में प्रियचन्द्र - नामक राजा राज्य करता था । उसकी मुख्य रानी का नाम सुभद्रा था । उसके पुत्र का नाम वैश्रमण था । ( भगवान् का आना, संवसरण आदि समस्त विवरण अदीनशत्रु की तरह समझ लेना चाहिए )
इस वैश्रमण ने भी पहले श्रावक-धर्म स्वीकार किया और बाद में साधु हो गया । ( पूरी कथा सुबाहु के समान ही है )
बल'
महापुर - नामका नगर था । रक्ताशोक-नामक उद्यान था । उसमें रक्त पाक नामक यक्ष का यक्षायतन था ।
उस नगर का राजा बल था । उसकी मुख्य रानी का नाम सुभद्रा था । राजकुमार का नाम महाबल था ।
भगवान् महावीर का आगमन आदि अदीनशत्रु के विवरण के अनुरूप ही है और सुबाहु के समान महाबल ने पहले श्रावक के १२ व्रत लिए और फिर साधु हो गया
.
महाचन्द्र
साहंजणी - नामक नगरी थी । उसके उत्तरर-पूर्व दिशा में देवरमणनामक उद्यान था । उसमें अमोघ नामक यक्ष का यक्षायतन था ।
उस नगर में महाचन्द्र - नामक राजा राज्य करता था ।
जब भगवान् महावीर साहंजणी गये तो महाचन्द्र राजा भी कूणिक की भाँति उनकी वंदना करने गया था ।
१ - विपाकसूत्र ( पी० एल० वैद्य - सम्पादित ) श्रु० २, अ० ७, पृष्ठ ८२ ।
२ – विपाकसूत्र ( पी० एल० वैद्य - सम्पादित ) श्रु० १, अ० ४, पृष्ठ ३७-३८ ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org