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________________ भक्त राजे दधिवाहन भगवान् महावीर के समय में दधिवाहन चम्पा का राजा था । उसकी पत्नी का नाम पद्मावती था । वह वैशाली के महाराजा चेटक की पुत्री थी । उसकी एक अन्य पत्नी भी थी । उसका नाम धारिणी था । * आवश्यकचूर्णि में कथा आती है कि एक बार कौशाम्बी के राजा. शतानीक ने इसके राज्य पर आक्रमण कर दिया। हम उसका सविस्तार वर्णन इसी ग्रंथ के प्रथम भाग में पृष्ठ २३९ पर कर आये हैं । इसकी पुत्री चंदना ( जिसका पहले का नाम वसुमति था ) भगवान् महावीर की प्रथम साध्वी हुई । इस आक्रमण के बाद भी कुछ दिनों राज्य करने के बाद दधिवाहन ने अपने पुत्र को राज्य सौंप कर स्वयं प्रव्रज्या ले ली । इसकी कथा विस्तार से प्रत्येकबुद्ध करकंड़ के चरित्र में हमने दे दिया है। १ - परमावती चंपाए दहिवाहणस्स २ - इहिवाहणस्स रनो धारिणी देवी दधिवाहनभूप भार्या धारिणी ३ - आवश्यकचूर्ण, पूर्वाद्ध, पत्र ३१८ ५३६ -- श्रावश्यकचूगिं, उत्तरार्द्ध, पत्र १६४ Jain Education International - - आवश्यकचूर्ण, पूर्वार्ड, पत्र ३१८ - कल्पसूत्र सुवोधिका टीका, पत्र ३०८ - कल्पसूत्र सुबोधिका टीका पत्र ३०८ ४ - समणस्स भगवश्रो महावीरस्स अज्जचंदापामोक्खाओ छत्तीसं ज्जिया साहस्सी उक्कोसिया अज्जिया संपया हुत्था - कल्पसूत्र, सूत्र १३५, सुबोधिका टीका पत्र ३५६ ५- दधिवाहणो पन्वइतो - आवश्यकचूर्णि उत्तरार्ध, पत्र २०७ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001855
Book TitleTirthankar Mahavira Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayendrasuri
PublisherKashinath Sarak Mumbai
Publication Year1962
Total Pages782
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, & Story
File Size10 MB
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