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भक्त राजे
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.४ालभिया-आलभिया के राजा का नाम भी जितशत्रु था ।' भगवान् महावीर जब वहाँ गये और समवसरण हुआ तो वह भी वहाँ वंदना करने गया।
५-कंपिलपुर-कंपिलपुर के राजा का भी नाम जितज्ञत्रु था।' महावीर जब वहाँ गये, तो जितशत्रु भी समवसरण में आया और उसने भगवान् की वंदन की।
६-पोलासपुर-पोलासपुर के राजा का नाम जितशत्रु था। भगवान् महावीर जब वहाँ गये, तो समवसरण में जितशत्रु भी गया और उसने भी भगवान् की वंदना की।
७-सावत्थी-~-श्रावस्ती के राजा का भी नाम जितशत्रु था। भगवान् के वहाँ जाने पर उसने समवसरण में जाकर भगवान् की वंदना की।
८-काकंदी-काकंदी के राजा का भी नाम जितशत्रु था।
१-पालभिया नाम नगरी..."जियसत्त राया
- उवासगदसाओ, पी० एल० वैद्य-सम्पादित, पृष्ठ ४१ २-कंपिल्लपुरे नयरे ...जियसत्त राया
- उवागदसाओ, पी० एल०वैद्य-सम्पादित, पृष्ठ ४३ ३.-पोलासपुरे नामं नयरे ''जितसत्त राया
- उवासगदसाओ, पी० एल. वैद्य सम्पादित, पृष्ठ ४७ .४-...सावत्थी नयरी...जियसत्त राया
- उवासगदसाओ, पी० एल० वैद्य-सम्पादित पृष्ठ ६६ सावत्थी नयरी...जियसतू राया
---उवासगदसाओ, पी० एल० बैद्य सम्पादित, पृष्ठ ७० ५-कागन्दी नामं नयरी होत्था ।...जियसतू राया
- ऋगुतरोववाइयदसाओ, एन० वी वैद्य सम्पादित, पृष्ठ ५१
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