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श्रावक-श्राविक
हम उवासगदसाओ में आये दस महाश्रावकों का विवरण दे चुके हैं। हम यहाँ उन अन्य श्रावकों का परिचय देना चाहते हैं, जिनका उल्लेग्न जैन-साहित्य अन्यत्र में आता है:
अग्निमित्रा-सद्दालपुत्र की पत्नी। देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग २, पृष्ठ ४७०।
अम्बड-देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग २, पृष्ठ २२०-२२५ ।
अभीति-उद्रायन-प्रभावती का पुत्र। राजाओं के प्रकरण में 'उद्रायण' का प्रसंग देखें । इनका उल्लेख भगवती सूत्र शतक १६, उद्देशा ६ में आया है।
अश्विनी-नंदिनीपिया की पत्नी। देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग २, पृष्ठ ४८८ ।
आनन्द-भगवान् के १० मुख्य श्रावकों में प्रथम । देखिए तीर्थङ्कर महावीर भाग २, पृष्ठ ४२२-४४१
आनन्द-देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग १, पृष्ठ १९२; भाग २ पृष्ठ १०९ ।
ऋषिभद्रपुत्रयह आलभिया का गृहपति था। देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग २, पृष्ठ ६६ ।
उत्पला-इसका उल्लेख भगवतीसूत्र शतक १२, उदेशा १, में आता है । यह शंख श्रावक की पत्नी थी। इसी प्रकरण में शंख श्रावक का विवरण देखिए (पृष्ठ ४९६)।
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