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श्रमण-श्रमणी
३५१ ५१. नंदमणियार-श्रावकों के प्रकरण में देखिए । ५२. नंदमती-देखिए तीथङ्कर महाबीर, भाग २, पृष्ठ ५३ ५३. नन्दन-देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग २, पृष्ठ ९३ ५४. नंदसेणिया-देखिए तीर्थङ्कर महाबीर, भाग २, पृष्ठ ५३ ५५. नंदषेण-देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग २, पृष्ट १५ ५६. नन्दा-देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग २, पृष्ठ ५३ ५७. नन्दोत्तरा-देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग २, पृष्ठ ५३ ५८. नलिनीगुल्म-देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग २, पृष्ठ ९३
५६. नारदपत्र–इनका उल्लेख भगवती सूत्र सटीक शतक ५. उद्देशा ८ पत्र ४३३ में आया है। निर्गथीपुत्र द्वारा शंका-समाधान किये जाने पर साधु हो गये थे।
६०. नियंठिपुत्र-इनका उल्लेख भगवतीसूत्र सटीक शतक ५, उद्दशा ८ पत्र ४३३ में आया है ।
६१. पद्म-देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग २, पृष्ठ ९३ ६२. पद्मगुल्म-देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग २, पृष्ठ ९३
६३. पद्मभद्र-श्रेणिक का पौत्र था और भगवान् के २५-वें वर्षावास में भगवान् के सम्मुख उसने दीक्षा ग्रहण की।
६४. पद्मसेन-देखिए तीर्थकर महावीर, भाग २, पृष्ठ ९३ । ६५. प्रभास-देखिए । तीर्थकर महावीर, भाग १ पृष्ठ २३२
६६. पिंगल-देखिए तीर्थकर महावीर, भाग २, पृष्ठ ८० ।। ६७. पितृसेनकृष्ण-देखिए तीर्थकर महावीर, भाग २, पृष्ठ ९५ ।
६८. पिट्टिमा-इसका उल्लेख अणुत्तरोववाइय ( म० चि० मोदीसम्पादित, पृष्ठ ७० ) में आता है । यह वनियाग्राम का निवासी था ( वही,
१-निरयावलिया (पी० एल० वैद्य-सम्पादित ), ठ ३१ । पृष्ठ ६१ पर प्रूफ की गलती से उसका नाम 'महाभद्र' छप गया है। पाठक सुधार लें।
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