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तीर्थकर महावीर १६. कमलावती-देखिए उसुयार का वर्णन (पृष्ठ ३३२ ) २०. काली-देखिए तीर्थकर महावीर, भाग २, पृष्ठ ९५
२१. कालोदायी-देखिए तीथकर महावीर, भाग २, पृष्ठ २५०-- २५२, २७१-२७३
२२. काश्यप (कासव)-देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग २, पृष्ठ ४९।
२३. किंक्रम-देखिए तीर्थकर महावीर, भाग २, पृष्ठ ४८ ।
२३. केलास-यह कैलाश गृहपति साकेत नगर के निवासी थे । १२ वर्षों तक पर्याय पाल कर विपुल-पर्वत पर सिद्ध हुए।'
२४. केसीकुमार-देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग २, पृष्ट १९५--२०२ ।
२५. कृष्णा-देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग २, पृष्ठ ९५ । २६. खेमक-देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग २, पृष्ठ ९४ ।
२७. गग्गथेर-गर्ग गोत्रवाला—गर्गाचार्य नाम के स्थविर गणधर सर्व शास्त्रों में कुशल, गुणों से आकीर्ण, गणिभाव में स्थित और त्रुटित समाधि को जोड़ने वाले मुनि थे। इनके शिष्य अविनीत थे । अतः इन्होंने उनका त्याग कर दिया और दृढ़ता के साथ तप ग्रहण करके पृथ्वी पर विचरने लगे।
२८. गूढ़दंत-देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग २, पृष्ठ ५३ ।।
२६. चंदना-- देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग १, पृष्ठ २३७-२४२ : भाग २, पृष्ठ ३-४
३०. चंदिमा-इनका उल्लेख अंतगडदसाओ में आता है। यह
१-अंतगडदसाओ ( अंतगडदसामो-अणुत्तरोववाश्यदसाओ एन. वी. वैद्यसम्पादित ) पष्ठ २५, ३४
२-उत्तराध्ययन नेमिचन्द्र की टीका सहित, अ० २७, पत्र ३१६-१-३१८-१
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