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काल चार प्रकार के
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की उत्कृष्ट पौरुषी होती है ? और, किस दिवस अथवा रात्रि में तीन मुहूर्त की जघन्य पौरुषी होती है ?' ।
भगवान्- "हे सुदर्शन ! जब १८ मुहूर्त का बड़ा दिन और १२ मुहूर्त की छोटी रात्रि होती है, तब ४॥ मुहूर्त को पौरुपी दिन में होती है और ३ मुहूर्त की जवन्य पौरुषी रात्रि में होती है। जब १८ मुहूर्त की रात्रि
और १२ मुहूर्त का दिन होता है तो ४।। मुहूर्त की पौरुषी रात्रि में और ३ मुहूर्त की पौरुषी दिन में होती है।
मुदर्शन - "हे भगवान् ! १८ मुहूर्त का बड़ा दिन और १२ मुहूर्त की रात्रि कत्र होती है ? और १८ मुहूर्त की रात और १२ मुहूर्त का दिन कब होता है। ____ भगवान्-"आषाढ़ पूर्णिमा को १८ मुहूर्त का दिन होता है और १२ मुहूर्त की रात्रि होती है तथा पौष मास की पूर्णिमा को १८ मुहूर्त की रात्रि और १२ मुहूर्त का दिन होता है।
सुदर्शन- "हे भगवान् ! दिन और रात्रि क्या दोनों बराबर होते हैं ?"
भगवान् - "हाँ ।" सुदर्शन-"दिन और रात्रि कब बराबर होते हैं ?''
भगवान्.-"चैत्र पूर्णिमा और आश्विन मास की पूर्णिमा को दिन और रात बराबर होते हैं। तब १५ मुहूर्त का दिन और १५ मुहूर्त की रात्रि होती है । उसी समय ४ मुहूर्त में चौथाई मुहूर्त कम की एक पौरुषी दिन की और उतने की ही रात्रि की होती है।"
सुदर्शन-"यथायुर्निवृत्तिकाल कितने प्रकार का है ?"
भगवान्-"जो कोई नैरयिक, तियचयोनिक, मनुष्य अथवा देव अपने समान आयुष्य बाँधता है और तद्रूप उसका पालन करता है तो उसे - यथायुनिवृत्तिकाल कहते हैं।"
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