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पुद्गल - परिणाम
पुद्गल - परिणाम
गौतम स्वामी - " पुद्गल का परिणाम जाता है ?"
कितने प्रकार का कहा
भगवान् - " हे गौतम ! वह पाँच प्रकार का कहा गया है ।" १ वर्णपरिणाम २ गंधपरिणाम, ३ रसपरिणाम, ४ स्पर्शपरिणाम और ५ संस्थानपरिणाम |
गौतम स्वामी - "हे भगवन् ! वर्णपरिणाम कितने प्रकार का है ?"
भगवान् — “१ कृष्णवर्णपरिणाम, २ नीलवर्णपरिणाम ३ लोहितवर्णपरिणाम, ४ हरिद्रावर्णपरिणाम ५ शुक्लवर्णपरिणाम' । इस प्रकार २ प्रकार का गंध- परिणाम, ५ प्रकार का रसपरिणाम' और ८ प्रकार का स्पर्शपरिणाम जानना चाहिए ।"
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गौतम स्वामी - "हे भगवन् ! संस्थानपरिणाम कितने प्रकार का है ?"
भगवान् -" संस्थान परिणाम पाँच प्रकार का गया है - "१ परिमंडलसंस्थानपरिणाम २ वट्टसंप, ३ तंससंप, ४ चउरंससंप और ५ आयतसंप ।" इसके बाद भगवान् के पुद्गलों के सम्बन्ध में अन्य कितने ही प्रश्नों के उत्तर दिये ।
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१ – इनका उल्लेख समवायांगसूत्र सटीक समवाय २२, पत्र ३६ - १ में भी है । सुविभगंध परिणामे १२, दुब्मिगंधपरिणामे - समवायांग सूत्र स० २२ ३ - १ तित्तर सपरिणामे २ कडुयरसपरिणाम ३ कसायरसपरिणामे, ४ अंबिलरसपरिणामे, ५ महुररसपरिणामे - समवायांग सूत्र समवाय २२
४ -१ कक्खडफासपरिणामे, २ मउयफासपरिणामे, ३ गुरुफासपरिणामे, ४ लहुफासपरिणामे, ५ सीतफासपरिणामे, ६ उसिणफासपरिणामे, ७ द्धिफासपरिणामे, ८ लुक्खफासपरिणामे, ९ अगुरुल हुफासपरिणामे, १० गुरुलहुफासपरिणामे ।
५- भगवतीसूत्र सटीक शतक ८, उ० १० पत्र ७६४-७७८
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