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________________ (२७) २७ तरुणीपडिकम्मं स्त्रीको शिक्षा २८ इत्थीलक्खणं : - स्त्री - लक्षण देनेकी कला २६ पुरिसलक्खणं - पुरुष - लक्षण ३० हयलक्खणं- अश्व-लक्षएण ३१ गयलक्खणं- हस्ति - लक्षएा ३२ गोलक्खणं गो-लक्षण ३३ कुक्कुडलक्खणं = कुक्कुट - लक्षण ३५ चक्कलखणं चक्र - लक्षण ३७ दंडलक्खणं = दंड-लक्षण ३९ मणिलक्खणं मणि- लक्षण - ३६ छत्तलक्खणं - छत्र - लक्षण ३८ असिलक्खणं - तलवार- लक्षण ४० कागणिलक्खणं काकिणी ( चक्रवर्ती का रत्न - विशेष ) का लक्षण जानना ४१ चम्मलक्खणं चर्म- लक्षण ४३ सूरचरियं = सूर्यकी गति आदि जानना ४२ चंद्रलक्खणं - चंद्र- लक्षण ४४ राहुचरियं = राहु की गति आदि जानना ४५ गहचरियं = ग्रहों की गति ४६ सोभागकरं – सौभाग्य का ज्ञान जानना ४७ दोभागकरं = दुर्भाग्य का ज्ञान ४६ मंतगयं = मंत्रसाधना ज्ञान ५१ सभासं - हरवस्तु की हकी कत जानना ५३ पडिचारं = सेना को युद्ध उतारने की कला में ५५ पडिवूह = व्यूह के सामने उसे पराजित करनेवाले व्यूह की रचना ५७ नगरमाणं- नगर - निर्माण ५६ खंधावारनिवेसं = सेना के पड़ाव आदि का ज्ञान Jain Education International ३४ मिंढयलक्खणं - मेंढे के लक्षण = ४८ विज्जागयं रोहिणी, प्रज्ञप्तिविद्या संबंधी ज्ञान ५० रहस्सगयं = गुप्त वस्तुका ज्ञान ५२ चारं = सैन्य का प्रमाण आदि जानना ५४ वूहं = व्यूह रचने की कला ५६ खंधावारमाणं - सेना के पड़ाव का प्रमाण जानना ५८ वत्थुमारणं = वस्तुका प्रमारण जानना ६० वत्थुनिवेस = हर वस्तु के स्थापन कराने का ज्ञान For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001854
Book TitleTirthankar Mahavira Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayendrasuri
PublisherKashinath Sarak Mumbai
Publication Year1960
Total Pages436
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, Story, N000, & N005
File Size20 MB
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