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________________ अर्थात् सारे लोग सती, क्षेत्रपाल आदिके बारह पंथोंमें भरम रहे हैं, परन्तु जोधकवि कहता है कि हे जिनदेव, उक्त बारह पयोंसे अलग : तेरापंथ' तेरा है। __यद्यपि तेरहपंथकी यह व्युत्पत्ति भी उसी ढंगकी और कल्पनाप्रसूत है जिस तरह केसर चढ़ाना आदि तेरह बातोंके छोड़नेकी गा बारह अध्यात्मियों के साथ तेरहवें अमरा भौसाके मिल जानेकी; परन्तु पूर्वोक्त सवैया बतलाता है कि सं० १७२६ में जोधराजके प्रवचनसारकी रचनाके समय अध्यातम मत तेरा-. पंथ कहलाने लगा था और यह अध्यात्म मत वही था जिसे बखतराम आदिने आगरेसे चला भाया है। अध्यात्ममत और तेरापंथ अध्यात्ममत और तेरापंथ दोनों एक ही हैं। ऐसा जान पड़ता है कि अध्यात्ममत ही किसी कारण तेरापंथ कहलाने लगा है । श्वेताम्बर विद्वानोंने तो इसे अध्यात्ममत ही कहा है तेरापंथ नहीं, परन्तु दिगम्बरोंने तेरापंथ कहा है, साथ ही यह भी बतलाया है कि यह पहले आगरेमें चला, वहीं किसीसे अध्यात्मग्रन्थ मुनकर लोग अध्यातमी बन आए और तेरापंथी हो गये। तेरापंथ नामकी अनेक व्युत्पत्तियाँ बतलाई गई हैं, परन्तु समाधानयोग्य उनमें एक भी नहीं है। __ यद्यपि प्रारंभमें इसके अनुयायी श्वेताम्बर सम्प्रदायके ही अधिक थे, परन्तु उनमें जो विचार-क्रान्ति हुई थी, वह जान पड़ता है राजमल्लजीकी समयसारकी बालबोधटीकाके कारण हुई थी और दूसरे अध्यात्म ग्रन्थ भी, जिनकी चर्चा उनकी ज्ञानगोष्ठियोंमें होती थी दिगम्बर सम्प्रदायके थे, इस लिए श्वेताम्बर विद्वानोंको इसे दिगम्बर ठहराने और विरोध करनेमें सुगमता हो गई। इस विरोधमें जो कुछ लिखा गया है, उसका अधिकांश उन्हीं मानताओंको लेकर है जिनमें दिगम्बर और श्वेताम्बरोंमें मतभेद है और अध्यात्मसे जिनका बहुत ही कम सम्बन्ध है । वास्तवमें देखा जाय तो अन्यात्म दोनोंका लगभग एकसा है । स्त्रीमुक्ति, केवलिभुक्ति आदि विवादग्रस्त बातोंमें अध्यातमी पड़े ही नहीं। उन्होंने तो जैनधर्मके मूल अध्यात्मिक रूपको पकड़नेकी ही चेष्टा की जो उस समय यतियों और भट्टारकोंकी कृपासे बाहरी क्रियाकाण्ड और आडम्बरोंमें छुप गया था। उन्हें जैनधर्मकी दृढ़ प्रतीति थी, पर वे न Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001851
Book TitleArddha Kathanak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBanarasidas
PublisherAkhil Bharatiya Jain Yuva Federation
Publication Year1987
Total Pages184
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Biography
File Size13 MB
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