________________
१४
फक्कड़शिरोमणि कविवर बनारसीदासजीने तीन-सौ वर्ष पहले आत्मचरित लिखकर हिन्दीक वर्तमान और भावी फक्कड़ोंको मानों न्यौता दे दिया है । यद्यपि उन्होंने विनम्रतापूर्वक अपनेको कीट पतंगोंकी श्रेणी में रक्खा है ("-हमसे कीट पतंगकी बात चलावै कौन") तथापि इसमें सन्देह नहीं कि वे आत्म-चरित'लखकोंमें शिरोमणि हैं।
-बनारसीदास चतुर्वेदी
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org