________________ 149 बूझत = पूछते हुए। 40 : मतौ मता = मत, सलाह, राय। बैंगन पचखान = बैंगन खानेका प्रत्या 114, 538 ख्यान या त्याग / 275 / मया = माया, ममता, प्रेम / 299 बौन = वमन, उल्टी, के। 598 / मरी = महामारी। 272 मस कति = मशक्कत, मेहनत, कष्ट / भंडकला = भाँड़ों जैसी बातें करनेकी 364 __ कला। 684 मधा = महाघ, महगा। 104 भई बात = वह बात जो हो चुकी, भूत- महासंख = महामूख / 237 कालकी कथा। मांति = मत्त होकर / भाखसी = भाकसी, अन्ध कोठरी। 461 माट = मिट्टोका घड़ा, मटका, माटला भाखौं = भाषण करूँ, कहूँ। 7 (गुजराती) 123 भाट = राजाओं आदिकी स्तुति करने माहुर = माथुर, माहौर, वैश्योंकी एक वाला, बन्दीजन, स्तुतिपाठक, जाति / चापलूम / 485 मिट्टी कोथली = महीन या छोटी थी, भानहिं = भंग कर दें, तोड़ दें। 612 बसनी / भारभुनिया = मड़भूजा, भाइमें चने मीर = अमीरका लघुरूप / शाही सर___ आदि गूंजनेवाला। 29 दार / 43-164 भोग अंतराई = भोगान्तराय नामका मोदी = राजा या नवाबोंकी ओर से कर्म जिससे प्राणी प्राप्त भोगोंको जिन्हें भोजनाांदेकी तमाम आवश्यक भी नहीं भोग सकता। 118 सामग्री जुटानेका काम दिया जाता भौंहरी = भी हरेका त्रीलिंगरूप / भुइं. था वे मोदी कहलाते थे। 14 ___ हरा, भूमिगृह ( तहखाना ) 148 मुधा = व्यथे, झूठी 218 भौंदाइ = भोंदू' या मूर्ख बना दिया 219 मौवास = मवास, शरणकी जगह, दुर्ग, 161-471 मंडई = मंडियाँ, थोक बिक्रीके बाजार। म्यान - मियान (फारसी), कमर, मध्य३१ भाग, बीचमें। 352 मकरचाँदनी = मक्र (फारसी) धोखेकी मौठिया श्रीमालोका एक गोत / 835 .या बनावटी, चाँदनी जैसी दीखनेवाली। 412 / रंगवाल = रंगसाज, रंगरेज़ / 29 Jain Education International www.jainelibrary.org For Private & Personal Use Only