________________ 231 पटभोन = पट या वस्त्रका मकान, ससुरने अपनी लड़की गौने नहीं तम्बू, रावटी, पटमंडप / 51 भेजी, इससे पाउजाका अर्थ गौन पटुवा = पटवा, रेशम या सूतमें गहने ही जान पड़ता है जिसके लिए वे गूंथनेवाला, पटहार / पट्टवाय / 29 गये थे। 182 पठई = पठाई, भेजी। 332 पाग = पगड़ी। पड़िकौना = प्रतिक्रमण, किए हुए पाछिलौ = पिछला, पहलेका। 38 पापोंका अनुताप करके उससे निवृत्त पानिजुगल-पाणियुगल, दोनों हाथ / 1 होना और नई भूल न हो इसके . पारसी = फारसी। 13, 521 लिए सावधान रहना / जैन साधु पास = पार्श्वनाथ / और गृहस्थोंकी एक आवश्यक पास जनमको गाँव = पार्श्वनाथका जन्म क्रिया, जो सुबह शाम की जाती है। ग्राम (स्थान ) वाराणसी या बना 51. रसी। पतिआइ-प्रतीति या विश्वास करें।। पास-सुपास = पार्श्वनाथ और सुपार्श्व 356 नाथ तीर्थकर / पथ-पथ्य, भोजन। 207-326 / पिउसाल = पितृशाला, पिताका घर।। पन-पण, प्रतिज्ञ।। 229-230-233 पन-पण, शर्त / 684 पितर = प्रेतत्वसे छूटे हुए पूर्वज / 137 पन-पन्ना रत्न / 445 पातिआ, पीतिया = पितृव्य, पिताका परचून-फुटकर, परतूरन (गुजराती)। भाई, पितराई (गुजराती) 67,109 283 पुजारा = पुजारी, पुजेरा, पूजा करनेपरबाह प्रबाह / 25 वाला। परवान-प्रमाण, परिमाण 16 पुत्र पुरखा - पूर्व पुरूष 37 पले-पल्ले में। 321 पुरकने - पुर या बगरके पास, ओर / पहपहे=पौफटे, बिलकुल सवेरे / 123 कने बुन्देलखण्ड में इसी अर्थमें पाइ = पैर, पाँव / 214. प्रचलित है। 31 पाइक = पायक, पैदल सिपाही, नौकर। पेमकसी == पेशकश, मेंट, सौगात / 440 272 पाउजा = प्रव्रज से बना है। गौना। पेम = प्रेम / / (पद्य 193 में लिखा है कि सास- पैजार = पैजार (फारसी) जूता / 601 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org