________________ 146 169 - 154 नफर = नफ़र ( अरबी , नौकर, नौकरवाली = नमोकारमंत्र-जापकी दास। 498 माला। इसे ही दोहा 10 में नाम-माला = महाकवि धनंजयका मत्रकी माला कहा है। नौकरवाली संस्कृत कोश / एक जाप = एक बार नमोकार मंत्रकी ____ माला जपना। 435 नाल = तोप। नौतन गेह करनको नेम = नया घर नाल = साथमें, संगमें, साथ साथ, बनाने या बसानेका नियम ले पूर्वी पंजाबमें विशेष प्रचलित / लिया, कि आगे न बनाऊँगा / 51 109, 131, 413, 579 न्यारो = जुदा, अलग, निराला। 70 नाह = नाथ, स्वामी। 247 निचीत = निश्चिन्त, बेफिक्र / 529 पंचनवकार = पंचनमस्कार, जैनोंका निदान = कारणका पता लगाना, प्रसिद्ध मंत्र जिसमें अर्हत् , सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधुनिरख = निर्णय, जाँच / 523 समुदायको नमस्कार किया जाता नूरदी = नूरुद्दीन, जहाँगीर नूर-उद्- है, णमो अरहंताणं, णमो सिद्धाणं, __ दीन-धर्मकी शोभा। 259 णमो आइरियाणं, णमो उवज्झायाणं, नेवज = नैवेद्य, देवताको चढ़ानेका णमो लोए सव्वसाहूणं। 6. द्रव्य / पखावज = एक बाजा, मृदंग / सं० नौकारसहि या नौकारसी = प्रातः दो पक्षवाद्य / घड़ी दिन चढ़े तक भोजन न पटबुनिया = पट या वस्त्र बुननेवाला / करनेकी प्रतिज्ञा लेना / 435 कोरी, बुनकर / १-नौकरवाली शब्द एक प्राचीन दोहेमें भी आया है--" नवकरवाली मणिअड़ा तिहिं अग्गला चियारि / दाणसाल जगतणी कित्ती कलिहि मझारि।" (-पुरातनप्रबंधसंग्रह 1) नवकरवाली मणिअड़ा=नमोकार मंत्र जपनेकी मणियोंकी माला / अग्गला-अर्गला, व्योंड़ा। चिआरि = खोलकर (चिआरना-खोलना ) / अर्थात्-कलियुगमें जगडूशाहकी दानशालाकी कीर्ति प्रसिद्ध है। वे अपनी मणियोंकी माला दानमें देकर उसकी अर्गला खोलते हैं, अर्थात् हाथकी मणिमालाके दानसे दानशालाका आरम्भ होता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org