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________________ होकर अनेकोंका काम है और इस दृष्टि से जातक कथाओं, जैन कथाओं तथा बृहत् कथा और उससे निकले कथासाहित्यमें हम अनेक भारतीयोंके आत्मचरितोंका संकलर देख सकते हैं, पर ऐतिहासिक दृष्टिकोणसे हम यह नहीं कह. सकते कि कहानियोंको रूप देनेवाले वे आत्मचरित किसी विशेष समयके थे अथवा नहीं। आत्मचरित-साहित्यके इतिहासमें बौद्ध साहित्यके 'थेर गाथा' और 'थेरी गाथा' के नाम सबसे पहले आते हैं । थेरगाथा खुद्दकनिकायका आठवाँ अध्याय है जिसमें बुद्धकालीन अनेक बौद्ध भिक्षुओंने अपने जीवनवृत और अपनी नई पाई हुई आत्मस्वतंत्रताका छन्दोबद्ध वर्णन किया है । उसी तरह खुद्दकनिहायके नवें अध्यायमें भिक्षुणियोंके छन्दोबद्ध आत्मचरित हैं। इन आत्मचरितोंमें एक नवीनता है और आत्मनिवेदन करनेका एक नया ढंग, फिर भी वे यात्मचारत इतने छोटे हैं कि जीवनके अनुभवोंकी उनमें थोड़ी-सी ही झलक मिलती है। संस्कृत साहित्यमें आत्मचरित लिखनेकी शैलीका कबसे विस्तार हुआ यह हना संभव नहीं। यों तो कथासाहित्यका आधार वास्तविक घटनाओंपर ही अवलंबित है पर आत्मचरितकी श्रेणी में तो बाणभट्टकृत हर्षचरित ही आता है। बाणभट्टके अनुसार हर्षचरित आख्यायिका है जिसमें ऐतिहासिक आधार होना चाहिए । आख्यायिकाके अनुरूप हर्षचरितमें हर्ष (६०६-६४८) की जीवनसम्बन्धी घटनाओंका वर्णन है जिनमें कुछ बाणद्वारा स्वयं अनुभूत और कुछ सुनी सुनाई हैं। पर ग्रंथके आरंभमें बाणने अपने आत्मचरितके कुछ पहलुओंका वर्णन किया है जिससे उनके देशांतरभ्रमण, वस्तुओंकी जानकारी प्राप्त करनेकी उत्सुकता तथा चित्रग्राहिणी बुद्धिका पता चलता है। हर्षचरितमें इतिहास, साहित्य और आत्मचरितका कुछ ऐसा अपूर्व मेल है कि जिसका जोड़ साहित्यमें नहीं मिलता। प्राचीन संस्कृत-साहित्यमें केवल हर्षचरित ही एक ऐसा ग्रंथ है जिससे हमें एक महान् साहित्य कारले परिवार, बंधुबांधवों, इष्टमित्रों तथा जीवनके और पहलुओंका पता लगता है । आत्मचरित और इतिहासके अपूर्व सम्मिश्रणका पता हमें बिल्ह "विक्रमांकदेवचरित' से चलता है। बिल्हण प्रकृतिसे ही घुमक्कड़ थे। कश्मीरके राजा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001851
Book TitleArddha Kathanak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBanarasidas
PublisherAkhil Bharatiya Jain Yuva Federation
Publication Year1987
Total Pages184
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Biography
File Size13 MB
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