SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 110
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ क २४ २९-५१ الله الله ३४ विषय-अनुक्रमणिका पृष्ठांक पृष्ठांक आप्तका स्वरूप १ सृष्टिक्रम देवागम आदि विभूतियाँ आप्तत्व ज्ञानमीमांसा को सूचक नहीं हैं। २ ईश्वर और मुक्ति अन्तरङ्ग और बहिरङ्ग विग्रह योगदर्शन २७-२९ आदिका अतिशय आप्तत्वका योगका स्वरूप तथा अंग २७ हेतु नहीं है। ३ ईश्वर तीर्थकरत्व भी आप्तत्वका हेतु नहीं बौद्धदर्शन ४ गौतमबुद्ध और बौद्धधर्म न्यायदर्शन ५-१५ चार आर्यसत्य प्रमाण आदि सोलह पदार्थोंका मध्यम मार्ग स्वरूप ५-१० अष्टांग मार्ग प्रामाण्यवाद १० प्रतीत्यसमुत्पाद कार्यकारणसिद्धान्त ११ अनात्मवाद पाँच प्रकारका अन्यथासिद्ध १२-१३ पञ्च स्कन्ध ईश्वर और वेद क्षणभंगवाद मुक्ति १४ अन्यापोवाद ३८ वैशेषिकदर्शन १५-२१ प्रमाणवाद द्रव्यका स्वरूप तथा भेद १५ प्रमाण-फल व्यवस्था गुणका स्वरूप तथा भेद १६-१७ तत्त्वव्यवस्था कर्मका स्वरूप तथा भेद १७ स्वलक्षण । सामान्यका स्वरूप तथा भेद १७ सामान्यलक्षण विशेष तथा समवायका स्वरूप १८ दार्शनिक विकास अभावका स्वरूप तथा भेद १९ वैभाषिक परमाणुवाद १९ सौत्रान्तिक ज्ञानमीमांसा २० योगाचार ईश्वर २० आलयविज्ञान मुक्ति २१ माध्यमिक सांख्यदर्शन २१-२६ हीनयान और महायान तत्त्वमीमांसा २१-२२ निर्वाण प्रकृति २२ तीर्थकृत् पदका अन्य अर्थ ५१ पुरुष २३ मीमांसादर्शनमें वेदका प्रामाण्य ५१ कार्यकारणसिद्धान्त २३ भावना तथा विधि ५२ Mw X K ४४ ४७ ४८ ५० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001836
Book TitleAptamimansa Tattvadipika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherGaneshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
Publication Year
Total Pages498
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy