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________________ त्रयोदश उद्देशक सूत्राङ्क विषय गाथाङ्क पृष्ठाङ्क द्वादश एवं त्रयोदश उद्देशक का सम्बन्ध ३७५ १-८ सचित्त, सस्निग्ध आदि पृथ्वी पर बैठने, शयन करने, स्वाध्याय करने इत्यादि का निषेध ४२५७-४२६६ ३७५-३७८ ६ देहली आदि पर बैठने का निषेध ४२६७-४२७१ ३७८ १० कुण्ड, भित्ति, शिला आदि पर बैठने का निषेध ४२७२-४२७४ ३७६ खाई आदि पर बैठने का निषेध ४२७५-४२७७ १२ अन्य तीथिक अथवा गृहस्थ को शिल्प आदि कलाएं सिखाने का निषेध ४२३८-४२८२३७०-३८१ १३-१६ अन्य तीथिक अथवा गृहस्थी पर कोप करने का निषेध ४२८३-४२८६ ३०१-३८२ १७-२७ अन्य तीथिक अथवा गृहस्थ के लिए कौतुक कर्म, भूतिकर्म आदि करने का निषेध । ४२८७-४३०५ ३८२-३८५ २८ अन्य तीर्थिक अथवा गृहस्थ को पथभ्रष्ट होने पर मार्ग बताने का निषेध ४३०६-४३११ ३८६-३८७ २६-३० अन्य तीथिक अथवा गृहस्थ को धातु-विद्या एवं निधि बतलाने का निषेध ४३१२-४३१७ ३८७-३८९ ३१-४६ अपना मुंह देखने का निषेध ४३१८-४३२८ ३८६-३६२ ३१ पानी से भरे हुए पात्र में अपना मुह देखने का निषेध ३८६ ३२ दर्पण में अपना मुंह देखने का निषेध ३३ तलवार में अपना मुंह देखने का निषेध ३४ मणि में अपना मुंह देखने का निषेध ३५ कुंड आदि के पानी में अपना मुह देखने का निषेध ३६ तेल में अपना मुंह देखने का निषेध ३७ मधु में अपना मह देखने का निषेध ३८ घृत में अपना मुंह देखने का निषेध ३६ गुड में अपना मुंह देखने का निषेध ४० मज्जा में अपना मुंह देखने का निषेध ४१ वसा में अपना मुंह देखने का निषेध ४२-४४ वमन एवं विरेचन का निपेध ४३२६-४३३४ ३६२-३६३ ४५ बलादि वृद्धिनिमित्त औपध-सेवन का निषेध ४३३५-४३३६ ३६३-३६४ ४६-६३ पाश्वस्थ आदि शिथिलाचारियों को वदन करने का निषेध ४३४०-४३७४ ३६४-४०३ ४६-४७ पाश्र्वस्थ की वंदना एवं प्रशंसा का निषेध ४३४०-४३४४ ३६४-३६५ ४८-४६ कुशील की वंदना एवं प्रशंसा का निषेध ४३४५ ३६५-३६६ ५०-५१ अवसन्न की वन्दना एवं प्रशंसा का निषेध ४३४६-४३४ ३६६-३६७ १२-५३ संसक्त की वन्दना एवं प्रशंसा का निषेध ४३४६-४३५१ ३६७-३६८ ५४-५५ नियतिक-नत्यिक की वंदना एवं प्रशंसा का निषेध ४३५२ ३६८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001830
Book TitleAgam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 03 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
PublisherAmar Publications
Publication Year2005
Total Pages644
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_nishith
File Size10 MB
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