________________
५५८ ५५९
चरितम्
FKM
५१९
५२१
५२४
। अजीव
सूक्ष्मस्थूल
कामण वर्गणा विचार र धर्म-अधर्म काल आकाशद्रव्य द्रव्य-विशेष द्रव्य-परिमाण ज्ञानकारण नय चर्चा निक्षेप उत्पाद-त्रय सापेक्ष त्रय विशद विवेचन नय तथा मिथ्यात्व प्रकृति-पुरुष एकान्त आपत्ति सापेक्षतावाद रत्नत्रय दर्शनकी प्रधानता अंधपंगु मिलन दैवपुरुषार्थ उपसंहार सप्तविंश सर्ग उत्थानिक काल वर्णन उपमा परिमाण व्यवहार पल्य उद्धार पल्य
५१४ अद्धापल्य
अन्य राजपुत्र ५१५ युगचक्र
५३७ वरांग आदर्श पिता ५१६ युग परिमाण
५३८ भोगरत वरांग शलाकापुरुष
वैराग्य चौदह मनु
५३९ वैराग्य भावना ५१७ चौबीस तीर्थंकर
५४० लोक भावना ५१८ बारह चक्रवर्ती
५४० मरते न बचावे कोई नौ वासुदेव
५४१
दुर्लभ नरपर्याय ५२० नौ नारायण
आत्म चिन्तन नौ प्रतिनारायण
अनित्य भावना तीर्थंकर कालमें वासुदेवादि ५४२
अशरण भावना तीर्थंकरों का उत्षेध
५४३
संसार भावना तीर्थंकरोंकी आयु
एकत्व भावना अन्तराल
जगत्स्वभाव धर्मोछेद काल
विरक्ति उदय तीर्थकर जनक
उत्तराधिकार प्रस्ताव तीर्थंकर माता ५२७ अहारदाता
५५०
परिजन हैं रखवारे जन्म नगरी
५५१
राज-अघ तीथंकरोंके वंश ५२९
वैराग्यहेतु राज-अधिकारी
५५२ तीर्थंकरोंके शरीरवर्ण
आत्मा-शरण तीर्थंकरोंके गोत्र
वनिता बेड़ी बाल ब्रह्मचारी ५३१-५५४
कुसम सदृशो तीर्थंकरोंकी निर्वाण मुद्रा
मोहमाया तीर्थंकरोंके निर्वाण क्षेत्र
विवेक निरोध अष्टाविंश सग ५५५-५६९ रोग, बुढ़ापा-मृत्यु पुत्रजन्म
५५५ रत्नत्रयमय मेव ५३६ राजशिशुका वर्णन
५५६ राजबधुओंकी पतिपरायणता
६४ ४६ ६ ६ ६ ६ ६ ६ ६ ६ ६. ६.६६ ६ ६ ६ ६६
५४८
५२५
6
6
6
6
५४३
6
५३१
५७७
५३x
५७८
५७९
५८१
Jain Education interational
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org