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उदयाणुयोगद्दारे पदेसोदयपरूवणा
( २९७
जाओ गुणसेडीओ अण्णभवं संकामंति ताओ वत्तइस्सामो । तं जहा- उवसमसम्मत्तगुणसेडी संजदासंजदगुणसेडी अधापमत्तगुणसेडी एदाओ तिण्णिगुणसेडीओ अप्पसत्थमरणेण वि मदस्स परभवे दिस्संति । सेसासु गुणसेडीसु झीणासु अप्पअत्थमरणं भवे । एत्तो सामित्तं कायव्वं । तं जहा- आभिणिबोहियणाणावरणस्स उक्कस्सपदेसउदओ कस्स ? जो गुणिदकम्मंसिओ मणुस्सो गब्भादिअट्टवस्सेहि संजमं पडिवण्णो, तत्थ अंतोमुत्तमच्छिय सव्वलहुं चरित्तमोहक्खवणाए उवट्टिदो तस्स चरिमसमयछदुमत्थस्स आभिणिबोहियणाणावरणस्स उक्कस्सओ पदेसउदओ। सुद-मणपज्जव-केवलणाणावरणाणं चक्खु-अचक्खु-केवलदसणावरणाणं च मदिआवरणभंगो । ओहिणाण-ओहिदसणाणं पि मदिआवरणभंगो चेव । णवरि जस्स ओहिलंभो णत्थि तस्स उक्करसं सामित्तं दादव्वं । णिहा-पयलाणं उक्कस्सओ पदेसउदओ कस्स? गुणिदकम्मंसियस्स उवसंतकसायस्स । थीणगिद्धिति यस्स उक्कस्सओ पदेसउदओ कस्स ? दोण्णिगुणसेडिसीसगगणिद कम्मंसियस्स । __सादासादाणं उक्कस्सपदेसओ कस्स ? गुणिदकम्मंसियस्स चरिमसमयभवसिद्धियस्स । मिच्छत्तस्स उक्कस्सओ पदेसउदओ कस्स? गुणिदकम्मंसियस्स दोगुणगुणश्रेणियां अन्य भवमें संक्रमणको प्राप्त होती हैं उनको बतलाते हैं । यथा - उपशमसम्यक्त्व गुणश्रेणि, संयतासंयत गुणश्रेणि और अधःप्रमत्त गुणश्रेणि; ये तीन गुणश्रेणियां अप्रशस्त मरणसे भी मृत्युको प्राप्त हुए जीवके परभवमें दिखती हैं । शेष गुणश्रेणियोंके क्षीण होनेपर अप्रशस्त मरण होता है ।
___ यहां स्वामित्वका कथन करते हैं । यथा- आभिनिबोधिकज्ञानावरणके उत्कृष्ट प्रदेशका उदय किसके है ? जो गुणितकर्माशिक मनुष्य गर्भसे लेकर आठ वर्षों में संयमको प्राप्त हुआ है तथा उस अवस्थामें अन्तर्मुहूर्त रहकर सर्वलघु कालमें चारित्रमोहनीयके क्षपणमें उद्यत हुआ है उस अन्तिम समयवर्ती छदमस्थके आभिनिबोधिकज्ञानावरणके उत्कृष्ट प्रदेशका उदय होता है । श्रुतज्ञानावरण, मनःपर्ययज्ञानावरण और केवलज्ञानावरण तथा चक्षुदर्शनावरण, अचक्षुदर्शनावरण और केवलदर्शनावरणके उत्कृष्ट प्रदेश उदयकी प्ररूपणा मतिज्ञानावरणके समान है । अवधिज्ञानावरण और अवधिदर्शनावरणके भी उत्कृष्ट प्रदेश उदयकी प्ररूपणा मतिज्ञानावरणके ही समान है । विशेष इतना है कि जिसके अवधिलब्धि नहीं है उसके उनका उत्कृष्ट स्वामित्व चाहिये । निद्रा और प्रचलाका उत्कृष्ट प्रदेश उदय किसके होता हैं ? वह गुणितकर्मांशिक उपशान्तकषायके होता है। स्त्यानगृद्धि आदि तीनका उत्कृष्ट प्रदेश उदय किसके होता है? वह दो गुणश्रेणिशीर्षक गुणितकर्माशिकके होता है ।
साता और असाता वेदनीयका उत्कृष्ट प्रदेश उदय किसके होता है? जो गुणितकर्माशिक जीव अन्तिम समयवर्ती भव्य सिद्धिक है उसके उनका उत्कृष्ट प्रदेश उदय होता है। मिथ्यात्वका उत्कृष्ट प्रदेश उदय किसके होता है ? वह दो गुणश्रेणिशीर्षवाले गुणितकर्माशिकके होता है । Dक प्र. ५, १०. ० मप्रतिपाठोऽयम् । अप्रतौ 'सी गुणिद', काप्रसौ 'सीस पम्स गुणद',
ताप्रतौ 'सीस ( यस्स- ) गणिद ' इति पाठः ।
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