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उदयाणुयोगद्दारे सामित्तं
( २८७ तेजा-कम्मइय-तप्पाओग्गबंधण-संघादाणं-को वेदओ? सव्वो सजोगो।
छण्णं संठाणाणं को वेदओ? आहारओ* सजोगो । छण्णं संघडणाणं को वेदओ? जो जेण आहारओ सो णियमा वेदओ। वण्ण-गंध-रस-फासाणं को वेदओ? सव्वो सजोगो । तिण्णमाणुपुवीणं को वेदओ ? पढमसमयतब्भवत्थो बिदियसमयतब्भवत्थो त्रा। तिरिख्खाणुपुवीए वेदओ को होदि ? पढमसमय-दुसमय-तिसमयतब्भवत्थो वा । अगुरुअलहुअ-थिराथिर-सुहासुह-णिमिणणामाणं को वेदओ ? सव्वो सजोगो।
उवघादस्स को वेदओ ? आहारओ । परघादस्स को वेदओ ? सरीरपज्जत्तीए पज्जत्तयदो सजोगो। आदावुज्जोवाणं को वेदओ? सरीरपज्जत्तीए पज्जत्तयदो तप्पाओग्गो। उस्सासस्स आणापाणपज्जत्तीए पज्जत्तयदो जाव चरिमसमयउस्सासणिरोहकारओ त्ति ताव वेदओ।पसत्थापसत्थविहायगईणं को वेदगो? तसो सरीरपज्जत्तीए पज्जत्तयदो सजोगो।तस-बादर-पज्जत्तणामाणं को वेदओ? सजोगो अजोगो वा। पत्तेयसरीरस्स को वेदओ? आहारओ। थावर-सुहुम-अपज्जत्तणामाणं को वेदओ ? थावर-सुहुम
कार्मण शरीर तथा तत्प्रायोग्य बन्धन व संघातका वेदक कौन होता है ? इनके वेदक सभी सयोग प्राणी होते हैं।
छह संस्थानोंका वेदक कौन होता है ? उनका वेदक योगसहित आहारक जीव होता है। छह संहननोंका वेदक कौन होता है ? जो जिस संहननसे आहारक है वह नियमसे उसका वेदक होता है । वर्ण, गन्ध, रस और स्पर्शका वेदक कौन होता है ? उनके वेदक योग सहित सब जीव होते हैं। तीन आनुपूर्वी नामकर्मोंका वेदक कौन होता है ? उनका वेदक प्रथम समयवर्ती तद्भवस्थ अथवा द्वितीय समयवर्ती तद्भवस्थ जीव होता है । तिर्यगानुपूर्वीका वेदक कौन होता है ? उसका वेदक प्रथम समयवर्ती, द्वितीय समयवर्ती अथवा तृतीय समयवर्ती तद्भवस्थ जीव होता है । अगुरुलघु, स्थिर, अस्थिर, शुभ, अशुभ और निर्माण नामकर्मोका वेदक कौन होता है ? इनके वेदक सब योग सहित प्राणी होते हैं।
उपघातका वेदक कौन होता है ? उसका वेदक आहारक जीव होता है । परघातका वेदक कौन होता है ? उसका वेदक शरीरपर्याप्तिसे पर्याप्त हुआ सयोग प्राणी होता है। आतप और उद्योतका वेदक कौन होता है ? उनका वेदक शरीरपर्याप्तिसे पर्याप्त हुआ तत्प्रायोग्य जीव होता है। उच्छ्वासका वेदक आनप्राणपर्याप्तिसे पर्याप्त हुआ जीव जब तक चरम समयवर्ती उच्छ्वासनिरोधकारक है तब तक होता है। प्रशस्त व अप्रशस्त विहायोगतियोंका वेदक कौन होता है? उनका वेदक शरीरपर्याप्तिसे पर्याप्त हुआ योगसे संयुक्त त्रस जीव है। त्रस, बादर और पर्याप्त नामकर्मोंका वेदक कौन है? उनका वेदक योगसे सहित और उससे रहित भी जीव होता है। प्रत्येकशरीरका वेदक कौन है ? उसका वेदक आहारक जीव होता है । स्थावर, सूक्ष्म और अपर्याप्त नामकर्मोंका वेदक कौन होता है ? उनके वेदक क्रमशः स्थावर, सूक्ष्म और अपर्याप्त
* ताप्रतौ ' आहारो' इति पाठः ।
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