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________________ २५४ ) छक्खंडागमे संतकम्मं . . . . . समयसम्मामिच्छाइट्ठिस्स से काले सम्मत्तं पडिवज्जिहिदि त्ति ट्ठियस्स । - अपच्चक्खाणचउक्कस्स उक्क० उदी० कस्स? चरिमसमयअसंजदसम्माइटिस्स से काले संजमं पडिवज्जिहिदि त्ति द्वियस्स। पच्चक्खाणचदुक्कस्स उक्क० उदी० कस्स? चरिमसमयसंजदासंजदस्स से काले संजमं पडिवज्जिहिदि त्ति ट्ठियस्स । संजलणकोहस्स उक्कस्सपदेसउदीरणाए को सामी ? खवओ चरिमसमयकोधवेदओ। माणस्स० चरिमसमयमाणवेदओ खवओ। मायाए० खवओ चरिमसमयमायावेदओ। लोभस्स० खवओ समयाहियावलियचरिमसमयसकसाओ। तिण्णं वेदाणं पदेसउदीरणाए, उक्कस्सियाए को सामी ? खवओ अप्पप्पणो वेदस्स समयाहियावलियचरिमसमयवेदगो। छण्णं णोकसायवेदणीयाणमुक्कस्सउदीरणाए" को सामी ? खवओ सव्वविसुद्धो चरिमसमयअपुव्वकरणो। णिरयाउअस्स उक्कस्सपदेसउदीरओ को होदि ? जो तेत्तीससागरोवमाउद्विदीओ रइओ उक्कस्सए असादोदए वट्टमाणओ। मणुस-तिरिक्खाउआणं उक्कस्सपदेउदीरओ उत्कृष्ट प्रदेशउदीरणा होती है। सम्यग्मिथ्यात्वको उत्कृष्ट प्रदेश उदीरणा किसके होती है ? जो अनन्तर कालमें सम्यक्त्वको प्राप्त होगा, ऐसी स्थिति युक्त अन्तिम समयवर्ती सम्यग्मिथ्यादृष्टिके उसकी उत्कृष्ट प्रदेशउदीरणा होती है । अप्रत्याख्यानावरणचतुष्ककी उत्कृष्ट प्रदेशउदीरणा किसके होती है ? जो अनन्तर काल में संयमको प्राप्त होगा, ऐसी स्थितियुक्त अन्तिम समयवर्ती असंयत सम्यग्दृष्टिके उक्त उदीरणा होती है। प्रत्याख्यानावरणचतुष्ककी उत्कृष्ट प्रदेशउदीरणा किसके होती है ? जो अनन्तर कालमें संयमको प्राप्त होगा, ऐसी स्थितियुक्त अन्तिम समयवर्ती संयतासंयतके उक्त उदीरणा होती है। संज्वलनक्रोधकी उत्कृष्ट प्रदेशउदीरणाका स्वामी कौन होता है ? उसका स्वामी अन्तिम समयवर्ती क्रोधका वेदक क्षपक होता है। संज्वलनमानकी उत्कृष्ट प्रदेशउदीरणाका स्वामी अन्तिम समयवर्ती मानका वेदक क्षपक होता है। संज्वलनमायाकी उत्कृष्ट प्रदेशउदीरणाका स्वामी अन्तिम समयवर्ती मायाका वेदक क्षपक होता है। संज्वलनलोभको उत्कृष्ट प्रदेश उदीरणाका स्वामी ऐसा क्षपक जीव होता है जिसके अन्तिम सममवर्ती सकषाय रहने में एक समय अधिक आवली मात्र शेष रही है। तीन वेदोंकी उत्कृष्ट प्रदेशउदीरणाका स्वामी कौन होता है ? उसका स्वामी ऐसा क्षपक जीव होता है जिसके अपने अपने वेदके अन्तिम समयवर्ती वेदक होने में एक समय अधिक आवली मात्र शेष है। छह नोकषाय वेदनीयोंकी उत्कृष्ट प्रदेशउदीरणाका स्वामी कौन होता है ? उसका स्वामी सर्वविशुद्ध अन्तिम समयवर्ती अपूर्वकरण क्षपक होता है। नारकायका उत्कृष्ट प्रदेशउदीरक कौन होता है ? तेतीस सागरोपम प्रमाण आयस्थितिवाला जो नारकी जीव उत्कृष्ट असातोदयमें वर्तमान है वह उसका उत्कृष्ट प्रदेशउदीरक होता है। मनुष्यायु और तिर्यगायुका उत्कृष्ट प्रदेश उदीरक कौन होता है ? आठ वर्ष प्रमाण आयुवाला अ-काप्रत्योः 'उदीरणा' इति पाठः । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001814
Book TitleShatkhandagama Pustak 15
Original Sutra AuthorBhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Balchandra Shastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1994
Total Pages488
LanguagePrakrit, Hindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size12 MB
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