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छक्खंडागमे संतकम्म
भंगो। एवं सत्थाणसण्णियासो समत्तो।
परत्थाणजहण्णाणुभागसण्णियासो।। तं जहा-आभिणिबोहियणाणावरणीयस्स जहण्णाणुभागमुदीरेंतो सुद-केवलणाणावरण-केवलदसणाबरण-चक्खु-अचक्खुदंसणावरणीयाणं-णियमा जहण्णमुदीरेदि। एदेण कमेण परत्थाणसण्णियासो जाणिदूण
यव्वो । एवं सण्णियासो समत्तो। ___ एवं सेसाणि अणुयोगद्दाराणि जाणिदूण णेयवाणि । अप्पाबहुअं दुविहं जहण्णमुक्कस्सं च । उक्कस्सए पयदं। तं जहा-सव्वतिव्वाणुभागंसादावेदणीयाणं। जसगित्ति-उच्चागोदाणुभागउदीरणा अणंतगुणहीणा । कम्मइय० अणंतगुणहीणा। तेजासरीर० अणंतगुणहीणा । आहारसरीर० अणंतगुणहीणा0। वेउव्विय० अणंतगुणहीणा। मिच्छत्त० अणंतगुणहीणा । केवलणाणावरण-केवलदंसणावरण-असाद० उदीरणा अणंतगुणहीणा। अणंताणुबंधीसु अण्णदरउदीरणा अणंतगुणहीणा । संजलणेसु अण्णदरउदी० अणंतगु० हीणा । पच्चक्खाणावरणेसु अण्णदरउ०अणंतगुणहीणा । अपच्चक्खाणावरणेसु अण्णदरउदी० अणंतगु० हीणा । मदिणाणावरणअणं० गु० हीणा । सुदणाणाव०अणं० गु०
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स्वस्थान संनिकर्ष समाप्त हुआ।
. परस्थान जघन्य अनुभागके संनिकर्षका कथन करते हैं । यथा- आभिनिबोधिकज्ञानावरणके जघन्य अनुभाग उदीरणा करनेवाला श्रुतज्ञानावरण, केवलज्ञानावरण, केवलदर्शनावरण, चक्षुदर्शनावरण और अचक्षुदर्शनावरणके नियमसे जघन्य अनुभागकी उदीरणा करता है । इस क्रमसे परस्थान संनिकर्षको जानकर ले जाना चाहिये । इस प्रकार संनिकर्ष समाप्त हुआ।
इसी प्रकारसे शेष अनुयोगद्वारोंको ले जाना चाहिये । अल्पबहुत्व दो प्रकार है- जघन्य अल्पबहुत्व और उत्कृष्ट अल्पबहुत्व । इनमें उत्कृष्ट अल्पबहुत्व प्रकृत है । यथा- सातावेदनीयकी अनुभागउदीरणा सबसे तीव्र अनुभागवाली है । यशकीर्ति और उच्चगोत्रकी अनुभागउदीरणा उससे अनन्तगुणी हीन है । कार्मणशरीरकी उदीरणा अनन्तगुणी हीन है । तैजसशरीरकी उदीरणा अनन्तगुणी हीन है। आहारकशरीरकी उदीरणा अनन्तगुणी हीन है । वैक्रियिकशरीरकी उदीरणा अनन्तगुणी हीन है । मिथ्यान्वकी उदीरणा अनन्तगुणी हीन है । केवलज्ञानावरण, केवलदर्शनावरण और असातावेदनीयकी उदीरणा अनन्तगुणी हीन है । अनन्तानुबन्धी कषायोंमें अन्यतरकी उदीरणा अनन्तगुणी हीन है। संज्वलन कषायोंमें अन्यतरकी उदीरणा अनन्तगुणी हीन है । प्रत्याख्यानावरण कषायोंमें अन्यतरकी उदीरणा अनन्तगुणी हीन है । अप्रत्याख्यानावरण कषायोंमें अन्यतरकी उदीरणा अनन्तगुणी हीन है । मतिज्ञानावरणकी उदीरणा अनन्तगुणी हीन है । श्रुतज्ञानावरणकी उदीरणा अनन्तगुणी हीन है । अवधि
इति पठः। Jain Education International
ताप्रती ' केवलदसणावरण ०-चक्खुदसणावरणीयाणं' इति पाठः। ४ ताप्रती 'अणंतगणा ताप्रती 'मदिणाणावरणेसु अण्ण० उ० अणंत हीणा' इति पाठः। For Private & Personal Use Only
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