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उवक्कमागुयोगद्दारे ट्ठिदि उदीरणा
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उक्कस्सेण पुव्वकोडिपुधत्तं । हुंडसंठागस्स उक्कस्सद्विदिउदीरणाकालो जहण्णण एगसमओ, उक्कस्सेण अंतोमुहत्तं । अणुक्कस्सटिदिउदीरणाकालो जहण्णेण एगसमओ, उक्कस्सेण अंगुलस्स असंखेज्जदिभागो। छण्णं संघडणा गमुक्कस्सद्विदिउदीरणाकालो जहण्णेण एगसमओ, उक्कस्सेण एगावलिया । अगुक्कस्सटिदिउदीरणाकालो वज्जरिसहवइरणारायणसंघडणस्स जहण्णण एगसमओ, उक्कस्सेण तिण्णि पलिदोवमाणि पुवकोडिपुधत्तेण सादिरेयाणि । सेसाणं पंचण्णं संघडणाणमणुक्कस्सट्टिदिउदीरणाकालो जहण्णेण एगसमओ, उक्कस्सेण पुव्वकोडिपुधत्तं ।
तिण्णमाणुपुवीणामाणमुक्कस्सद्विदिउदीरणाकालो जहण्णेण एगसमओ, उक्कस्सेण बे समया । णवरि मणुस्स-देवाणुपुवीणमुक्कस्सट्ठिदिउदीरणाकालो जहण्णुक्कस्सेण एगसमओ। तिरिक्खगइपाओग्गाणुपुवीणामाए उक्कस्सट्ठिदिउदीरणाकालो जहण्णेण एगसमओ, उक्कस्सेण बे समया। अणुक्कस्सट्टिदिउदीरणाकालो जहण्णेण एगसमओ, उक्कस्सेण तिण्णि समया।
उवघाद-परघाद-उस्सास-उज्जोव-अप्पसत्थविहायगइ-तस-पत्तेयसरीर-दुभगअणादेज्ज-दुस्सरणामाणं णीचागोदस्स उक्कस्सटिदिउदीरणाकालोजहण्णेण एयसमओ, उक्कस्सेण अंतोमुहुत्तं । अणुक्कस्सटिदिउदोरणाकालो जहण्णेण एगसमओ; दुभग-अणा
हुण्ड संस्थानकी उत्कृष्ट स्थिति-उदीरणाका काल जघन्यसे एक समय और उत्कर्षसे अन्तर्मुहूत मात्र है। उसकी अनुत्कृष्ट स्थिति-उदीरणाका काल जघन्यसे एक समय और उत्कर्षसे अंगुलके असंख्यातों भाग मात्र है। छह संहननोंकी उत्कृष्ट स्थिति-उदीरणाका काल जघन्यसे एक समय और उत्कर्षसे एक आवली मात्र है। इनमें वज्रर्षभवज्रनाराचसंहननकी अनुत्कृष्ट स्थितिउदीरणाका काल जघन्यसे एक समय और उत्कर्षतः पूर्वकोटिपृथक्त्वसे अधिक तीन पल्योपम मात्र है। शेष पांच संहननोंकी अनुत्कृष्ट स्थिति-उदीरणाका काल जघन्यसे एक समय और उत्कर्षसे पूर्वकोटिपृथक्त्व प्रमाण है।
तीन आनुपूर्वी नामकर्मोंकी उत्कृष्ट व अनुत्कृष्ट स्थिति-उदीरणाओंका काल जघन्यसे एक समय और उत्कर्षसे दो समय है। विशेष इतना है कि मनुष्यानुपूर्वी और देवानुपूर्वीकी उत्कृष्ट स्थिति-उदीरणाका काल जघन्य व उत्कर्षसे एक समय है। तिर्यग्गतिप्रायोग्यानुपूर्वी नामकर्मकी उत्कृष्ट स्थिति-उदीरणाका काल जघन्यसे एक समय और उत्कर्षसे दो समय है। उसकी अनुत्कृष्ट स्थिति-उरीरणाका काल जघन्यसे एक समय और उत्कर्षसे तीन समय है ।
उपघात, परघात, उच्छ्वास, उद्योत, अप्रशस्त विहायोगति, त्रस, प्रत्येकशरीर, दुर्भग, अनादेय और दुस्वर नामकर्मोकी तथा नीचगोत्रकी उत्कृष्ट स्थिति-उदीरणाका काल जघन्यसे एक समय और उत्कर्षसे अन्तर्मुहूर्त है। उनकी अनुत्कृष्ट स्थिति-उदीरणा काल जघन्यसे एक समय है, क्योंकि, इनमें दुर्भग, अनादेय व नीचगोत्रको छोडकर शेष प्रकृतियोंकी उत्कृष्ट स्थितिकी
JainEducation anताप्रती ' णीचागोदवज्जएण' इति पाठ:
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