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छक्खंडागमे वग्गणा-खंड
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( ५, ६, ७०. दुगुणहीणा वा होंति त्ति पुच्छिदे एत्तियमद्वाणं गंतून होंति त्ति जाणावण मागदा अवहारो किमट्टमागदो ? एक्केक्का वग्गणा दव्वटुपदेसदाहि सव्ववग्गणाणं केवडिओ भागो त्ति जाणावणट्टमागदो । जवमज्झपरूवणा किमट्टमागदा ? विसेसाहियकमेण गच्छमाणाणं वग्गणाणं कम्हि उद्देसे पदेसं पडुच्च जवमज्झं होदि किं वा ण होदित्ति पुच्छिदे एत्तियमद्धाणं गंतूण जवमज्झं होदि त्ति जाणावणटुमागदा । पदमीमांसा किमट्टमागदा ? सव्ववग्गणाणमुक्कस्साणुक्कस्सजहण्णाजहण्णादिपदाणं गवेसण -- मागदा अप्पा बहुगपरूवणा किम मागदा ? तेवीस वग्गणदव्वपदेसवाणं थोवबहुत्त परूवणट्ट मागदा ।
वग्गणाति तत्थ इमाणि वग्गणाए सोलस अणुओगद्दाराणि - वग्गणणिक्खेवे वग्गणणयविभासणदाए वग्गणपरूवणा वग्गणणिरूवणा, वग्गणधुवाधुवाणुगमो वग्गणसांतरणिरंत राणुगमो वग्गणओजजुम्मागमो वग्गणखेत्ताणुगमो वग्गणफोसणाणुगमो वग्गणकालाणु
समाधान- परमाणुरूप पुद्गलद्रव्यवर्गणासे कितनी दूर जानेपर दूना होता है या द्विगुणाहीन होता है ऐसा पूछने पर इतना स्थान जाकर दूना या आधा होता है इस बातका ज्ञान कराने के लिए यह अनुयोगद्वार आया है ।
शंका- अवहारअनुयोगद्वार किसलिए आया है ?
समाधान- एक एक वर्गगा द्रव्यार्थता और प्रदेशार्थताकी अपेक्षा सब वर्गणाओंका कितने वाँ भाग है इस बातका ज्ञान करानेके लिए यह अनुयोगद्वार आया है ।
शंका- यवमध्यप्ररूपणा किसलिए आई है ?
समाधान- विशेषाधिकक्रमसे जाती हुई वर्गणाओंका किस स्थानपर प्रदेशोंकी अपेक्ष यवमध्य होता है अथवा नहीं होता है ऐसा पूछनेपर इतना स्थान पर जाकर यवमध्य होता इस बातका ज्ञान करानेके लिए यह अनुयोगद्वार आया 1
शंका- पदमीमांसा अनुयोगद्वार किसलिए आया है ?
समाधान - सब वर्गणाओंके उत्कृष्ट, अनुत्कृष्ट, जघन्य और अजघन्य आदि पदोंकी गवेषणा करने के लिए यह अनुयोगद्वार आया है ।
शंका- अल्पबहुत्वप्ररूपणा किसलिए आई है ?
समाधान-तेईस वर्गणाओंकी द्रव्यार्थता और प्रदेशार्थता के अल्पबहुत्वका कथन करनेके लिए यह प्ररूपणा आई है ।
वर्गणाका प्रकरण है । उसके विषयमें ये सोलह अनुयोगद्वार होते हैं-वर्गणानिक्षेप, वर्गणानयविभाषणता, वर्गणाप्ररूपणा, वर्गणानिरूपणा, वर्गणाध्रुवा ध्रुवानुगम, वर्गणासान्तर निरन्तरानुगम, वर्गणाओजयुग्मानुगम, वर्गणाक्षेत्रानुगम, वर्गणा स्पर्शनानुगम,
ता. प्रतो- हिया ( य ) कमेण, अ. आ. प्रत्योः '-हियाकमेण ' इति पाठ: ।
अ. प्रती 'सोलसमणिओगद्दाराणि ' इति पाठः ।
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