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________________ ५, ६, ५०५ ) मधणाणुयोगदारे सरीरविस्सासुवचयपरूवणा ( ४३१ दारेहि बंधणगुणस्स परूवणा कीरदे। कारणे अवगदे तक्कारणाणुसारिस्स कज्जस्स वि अवगमादो। ___ अविभागपडिच्छेदपरूवणदाए एक्कक्कम्मि ओरालियपदेसे केवडिया* अविभागपडिच्छेदा ।। ५०३ ॥ कि संखेज्जा किमसंखेज्जा किमणंता ति एदेण पुच्छा कदा । अणंता अविभागपडिच्छेदा सव्वजोवेहि अणंतगुणा ॥ ५०४॥ को अविभागपडिच्छेदो गाम ? एगपरमाणुम्हि जा जहणिया वड्ढी सो अविभागपडिच्छेदो णाम । तेण पमाणेण परमाणणं जहण्णगुणे उक्कस्सगुणे वा छिज्जमाणे अणंताविभागपडिच्छेदा सव्वजोवेहि अणंतगुणमेत्ता होति । एवडिया अविभागपडिच्छेदा ।। ५०५ ॥ जेत्तिया अविभागपडिच्छेदा एक्केक्कम्हि परमाणुम्हि विस्सासुवचयपरमाणू एक्केक्कम्हि परमाणुम्हि एगबंधणबद्धा तत्तिया चेव, कज्जस्स कारणाणुसारित्त-- अब इन छह अनुयोगद्वारोंका अवलम्बन लेकर बन्धनगुणका कथन करते हैं, क्योंकि, कारणका ज्ञान हो जाने पर उस कारणके अनुकूल कार्यका भी ज्ञान हो जाता है । अविभागप्रतिच्छेद प्ररूपणाकी अपेक्षा एक एक औदारिक प्रदेशमें कितने अविभागप्रतिच्छेद होते हैं ।। ५०३ ।। क्या संख्यात होते हैं, क्या असंख्यात होते हैं या क्या अनन्त होते हैं इस प्रकार इस सूत्र द्वारा पृच्छा की गई है। अनन्त अविभागप्रतिच्छेद होते हैं जो कि सब जीवोंसे अनन्तगुणे होते हैं ॥ ५०४ ।। शंका-- अविभागप्रतिच्छेद किसे कहते हैं ? समाधान-- एक परमाणुमें जो जघन्य वृद्धि होती है उसे अविभागप्रतिच्छेद कहते हैं। उस प्रमाणसे परमाणुओंके जघन्य गुण अथवा उत्कृष्ट गुणका छेद करनेपर सब जीवोंसे अनन्तगुणे अनन्त अविभागप्रतिच्छेद होते हैं । इतने अविभागप्रतिच्छेद होते हैं ॥ ५०५ ॥ एक एक परमाणु में जितने अविभागप्रतिच्छेद होते हैं, एक एक परमाणुमें एक बंधनबद्ध विस्रसोपचय परमाणु भी उतने ही होते हैं, क्योंकि, कार्य कारणके अनुसार देखा जाता है । अ. का. प्रत्यो: '-पदेसा केवडिया ' इति पाठः । *ता० प्रती 'जो जहणिया वढी अ० का प्रत्यो। 'जा जहणियसटठी ' इति पाठः । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001813
Book TitleShatkhandagama Pustak 14
Original Sutra AuthorBhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Balchandra Shastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1994
Total Pages634
LanguagePrakrit, Hindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size15 MB
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