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विषय
आक्षेपाद्धा कहाँ से कहाँ तक होता है इस बातका निर्देश
क्षुल्लकभवग्रहणका स्वरूप निर्देश वह कहाँ होता है इस बातका विचार जघन्य अपर्याप्त निर्वृत्ति कहाँ होती है इस बातका निर्देश
( २३ )
पृष्ठ
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५०४
५०४
५०४ उत्कृष्ट अपर्याप्त निर्वृत्तिके कालका निर्देश ५०४ सूक्ष्मनिगोद जीवोंकी जघन्य अपर्याप्त निर्वृत्तिके कालप्रमाणका निर्देश
इन्हीं जीवोंकी उत्कृष्ट अपर्याप्त निर्वृत्तिके कालका निर्देश
सूक्ष्मनिगोद जीवोंकी उत्कृष्ट अपर्याप्त निर्वृत्ति में होनेवाले आवश्यक निर्लेपन शब्दका अर्थ
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बादरनिगोद अपर्याप्त जीवोंके निर्लेपनस्थान कितने होते हैं इस बातका निर्देश सूक्ष्मनिगोद अपर्याप्त जीवोंका आयु यवमध्य कहांसे कितना काल जानेपर होता है इस बातका विचार
बादर निगोद अपर्याप्त जीवोंके निर्वृत्तिस्थान कहाँसे कितना काल जानेपर कितने होते हैं इस बातका निर्देश
सब जीवोंकी निर्वृत्तिका अन्तर कहाँ से
विषय
कितना काल जानेपर होता है इस
बातका निर्देश
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५१० सूक्ष्म निगोद अपर्याप्त जीवोंका आयुयवमध्य कहांसे कितना काल जानेपर होता है इस बातका विचार सूक्ष्म निगोद अपर्याप्त जीवोंका मरण यवमध्य कहाँसे कितना काल जानेपर होता है इस बातका विचार बादर निगोद अपर्याप्त जीवोंका मरण यवमध्य कहाँसे कितना काल जानेपर होता है इस बातका विचार
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सूक्ष्म निगोद अपर्याप्त जीवोंके निर्वृत्तिस्थान कहाँ से कितना काल जानेपर कितने होते हें इस बातका निर्देश
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वे तीन शरीरोंके निर्वृत्तिस्थान उत्तरोत्तर विशेष अधिक होते हैं इस बातका निर्देश ५१७ ५०५ | इन तीन शरीरोंके निर्वृत्तिस्थानोंका अल्पबहुत्व
प्रकृत में आवश्यकोंके निर्देशकी प्रतिज्ञा तीन शरीरोंके निर्वृत्तिस्थान कहाँसे कितना काल जानेपर कितने होते हैं इस बातका निर्देश
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५०६ | तीन शरीरोंके इन्द्रिय निर्वृत्तिस्थान कहाँसे | कितना काल जाने पर कितने होते हैं। ५०६ इस बात का निर्देश
पृष्ठ
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५०७ | तीन शरीरोंके ये निर्वृत्तिस्थान उत्तरोत्तर विशेष अधिक होते हैं इस बातका निर्देश ५२० इन तीन शरीरोंके निर्वृत्तिस्थानों का अल्पबहुत्व
५१६
५१४ | अल्पबहुत्व
५२१ तीन शरीरोंके आनापान, भाषा और मनसंबंधी निर्वृत्तिस्थान कहाँसे कितना काल जाने पर कितने होते हैं इस बातका निर्देश ५२१ तीन शरीरोंके ये निर्वृत्तिस्थान उत्तरोत्तर विशेष अधिक होते हैं इस बातका निर्देश ५२२ इन तीन शरीरोंके इन निर्वृत्तिस्थानोंका अल्पबहुत्व
प्रकृत में आवश्यकों का निर्देश
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५२५ तीन शरीरोंके निर्लेपनस्थान कितना काल जाने पर कितने होते हैं इस बातका निर्देश निर्लेपनस्थानका स्वरूप निर्देश शरीरपर्याप्तिका स्वरूप निर्देश इन्द्रियपर्याप्तिका स्वरूप निर्देश निर्लेपनस्थानका स्वरूप निर्देश
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तीन शरीरोंके ये निर्लेपनस्थान उत्तरोत्तर विशेष अधिक होते हैं इस बातका निर्देश ५२८ तीन शरीरोंके इन निर्लेपनस्थानोंका
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