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विषय पृष्ठ
विषय शरीरोंके परस्पर बन्धसे उत्पन्न होनेवाले अग्रहणद्रव्यवर्गणाका विचार पन्द्रह अवान्तर भेदोंका निर्देश ४२ तैजसद्रव्यवर्गणाका विचार शरीरिबन्ध के दो भेद
४४ अग्रहणद्रव्यवर्गणाका विचार सादि शरीरिबन्धका विशेष विचार ४५
भाषाद्र व्यवर्गणाका विचार अनादि शरीरिबन्धका सोदाहरण विचार ४६
| अग्रहणद्रव्य वर्गणाका विचार कर्मबन्धके विषय में सूचना
मनोद्रव्यवर्गणाका विचार बन्धक अनयोगद्वार
अग्रहणद्रव्यवर्गणाका बिचार
कार्मणद्रव्यवर्गणाका विचार गति आदि चौदह मार्गणावाले जीव
ध्रुवस्कन्ध द्रव्यवर्गणाका विचार बन्धक है इस बातका निर्देश
ध्रुवस्कन्ध शब्द देने का प्रयोजन गति मार्गणाके आश्रयसे बंधकोंका निर्देश
सान्तरनिरन्तरद्रव्यवर्गणाका विचार करके खुद्दाबन्धके ग्यारह अनुयोगद्वारोंके
ध्रुवशन्यवर्गणाका विचार समान जानने की सूचना
४७ प्रत्येकशरीरवगणाका विचार बन्धनीय अनुयोगद्वार
प्रत्येकशरीरवर्गणाका स्वरूपनिर्देश बन्धनीय कौन हैं इस बात का निर्देश ४८ प्रत्येकशरीरवर्गणाके जघन्यसे लेकर उत्कृष्ट वर्गणाप्ररूपणाके आश्रयसे आठ अनुयोगद्वारोंकी तकके अवान्तर भेदोंका विशेष विचार ६५ सूचना व उनका सयुक्तिक विचार ४९ ध्रुवशून्यवर्गणाका विचार
८३ वर्गणाके सोलह अनुयोगद्वारोंका नाम निर्देश ५० | बादरनिगोदवर्गणाका विचार वर्गणाके दो भेद व उनकी मीमांसा ५१ बादरनिगोदवर्गणाके जघन्यसे लेकर वर्गणानिक्षेपके छह भेद व निक्षेपकथनका उत्कृष्ट तकके अवान्तर भेदोंका निर्देश ८४ प्रयोजन
क्षीणकषाय गुणस्थानमें बादरनिगोद जीवों कौन नय किस निक्षेपको स्वीकार करता है
का मरण होकर आगे उनका अभाव इस बातका विचार
क्यों हो जाता है इसका विचार वर्गणाद्रव्यसमुदाहारके चौदह अनुयोगद्वारोंका
हिंसा और अहिंसाके स्वरूप पर प्रकाश ८९ नामनिर्देश
ध्रुवशून्य द्रव्यवर्गणाका विचार ११२ वर्गणाके सोलह अनुयोगद्वारोंमेंसे आदिके दो
दवर्गणाका विचा
११३ का ही कथन क्यों किया है इस
सूक्ष्म निगोदवर्गणाके आधारका निर्देश ११३ बातका विचार
सूक्ष्म निगोदवर्गणाके जघन्यसे लेकर उत्कृष्ट वर्गणाद्रव्यसमुदाहारका विशेष रूपसे कथन
तकके अवान्तर भेदोंका विशेष विचाय ११४ क्यों किया है इस बातका विचार
ध्रुवशून्यद्रव्यवर्गणाका विचार एकप्रदेशी परमाणुपुद्गलद्रव्यवर्गणाका
महास्कन्धद्रव्यवर्गणाका विचार
११७ विचार
सब वर्गणाओंके लानेके लिए गुणकार द्विप्रदेशी परमाणुपुद्गलद्रव्यवर्गणाका क्या क्या है इस बातका निर्देश विचार
नानाश्रेणिवर्गणाओंकी प्ररूपणा ११८ त्रिप्रदेशी आदि परमाणुपुद्गलद्रव्यवर्गणाओंका एक प्रदेशी आदि सब वर्गणायें कैसे उत्पन्न विचार
होती हैं इस विषयका विशेष ऊहापोह १२० आहार द्रव्यवर्गणाका विचार ५९ | नानाणि शब्दका अर्थ
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