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विषय-सूची विषय पृष्ठ |
विषय मंगलाचरण
विचार
१८ बन्धनके चार भेद व उनके नाम
अजीवभावबन्धके तीन भेद व उनका बन्ध, बन्धक, बन्धनीय और बन्धविधान
स्वरूप निर्देश शब्दोंकी निरुक्ति
१ | विपाकप्रत्ययिक अजीवभावबन्धका विचार २३ बन्ध आदि शब्दोंका लक्षण
अविपाकप्रत्ययिक अजीवभावबन्धका बन्ध अनुयोगद्वार विचार
२४ बन्धके चार भेद
| तदुभयप्रत्ययिक अजीवभावबंधका विचार नामबन्ध आदिमें से किसको कौन नय द्रव्यबंधके दो भेद स्वीकार करता है इसका विचार
आगमद्रव्यबंधका विशेष विचार नामबन्धका विचार
४ नोआगम द्रव्यबंधके दो भेद स्थापनाबन्धका विचार
| विस्रसाबंधके दो भेद काष्ठकर्म आदिकी व्याख्या
| अनादिविस्रसाबंधके तीन भेद व उनका भावबन्धके दो भेद
७ | विशेष ऊहापोह आगम भावबन्ध का विचार
सादिविस्रसाबंधका विशेष विचार आगमके नौ भेद और उनके लक्षण
| भंदके कारणका निर्देश उपयोगके आठ भेद और उनके लक्षण
कौन पुद्गल नहीं बँधते और कोन पुद्गल नोआगम भावबन्धके दो भेद ।
बँधते हैं इस बातका विचार जीवभावबन्धके तीन भेद व उनके लक्षण
कितनी मात्रा हीन व अधिक होने पर । विपाकप्रत्ययिक जीवभावबन्धका विचार १०
बंध होता है इस बात का विशेष विचार अविपाकप्रत्ययिक जीवभावबन्धके दो भेद १२
| विषम और सम शब्दके अर्थ जीवत्व आदि तीनका अविपाक प्रत्ययिक
जघन्य गुणवाले पुद्गल नहीं बँधते इस जीवभावके भेदोंमें न ग्रहण करने के
बातका निर्देश कारणका ऊहापोह तत्त्वार्थसूत्र में जीवत्व आदिको पारिणामिक
सादिविस्रसाबंध का उदाहरण सहित किस अभिप्रायसे कहा है इस बातका
निर्देश भी निर्देश
प्रयोगबंधके दो भेद व प्रयोगबंधका असिद्धत्व भावके दो भेद ही भव्यत्व और
लक्षण
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नोकर्म बंधके पांच भेद व उनका स्वरूप अभव्यत्व औपशमिक अविपाकप्रत्ययिक जीवभाव
| निर्देश बन्धका बिचार
१४ | आलापनबंधका उदाहरणसहित निर्देश क्षायिक अविपाकप्रत्ययिक जीवभावबन्धका- | अल्लीवणबंध का उदाहरणसहित निर्देश ३९ विचार
१५ | संश्लेषबंधका उदाहरण सहित निर्देश तदुभयअविपाकप्रत्ययिक जीवभावबन्धका शरीरबंधके पाँच भेद
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