SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 254
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ५, ६, ११६.) बंधणाणुयोगद्दारे अप्पाबहुपरूवणा ( २२१ तासु चेव अगहणवग्गणासु णाणासेडिसव्वपदेसा अणंतगुणा। को गुण ? अगहण. वग्गणाए हेट्ठिमसयलद्धाणं रूवाहियं गुणगारो। भासावग्गणासु णाणासेडिसव्वदव्वा अणंतगुणा । को गुण? अगहणवग्गणाए हेट्टिमसव्वद्धाणेण रूवाहिएणोवट्टिदभासावग्गणअण्णोण्णब्भत्थरासी गुणगारो । तासु चेव णाणासेडिसव्वपदेसा अणंतगुणा को गुण० ? भासावग्गणाए हेट्ठिमसनद्धाणं रूवाहियं । भासावग्गणाए हेट्ठिमअगहणवग्गणासु णाणासेडिसव्वदव्वा अणंतगुणा। को गुण० ? भासावग्गणाए हेट्ठिमअद्धाणेण रूवाहिएणोवट्टिदअप्पिदागहणवग्गणाए अण्णोण्णब्भत्थरासी । तासु चेव णाणासेडिसव्वपदेसा अणंतगुणा । को गुण ? अप्पिदअगहणवग्गणाए हेट्ठिमअद्धाणं रूवाहियं । तेजावग्गणासु णाणासेडिसव्वदव्वा अणंतगुणा। को गुण ? उरिमअगहणवग्गणाए हेट्रिमअद्धाणेण रूवाहिएगोवट्टिदतेजावग्गणअण्णोण्णब्भत्थरासी। तासु चेव णाणासेडिसव्वपदेसा अणंतगुणा । को गुण०? तेजावग्गणाहेट्ठिमअद्धाणं रूवाहियं । तेजइयादो हेटिमअगहणवग्गणासु णाणासे डिसव्वदव्वा अणंतगुणा । को गुण? तेजइयपदेसगुणगारेणोवट्टिदअप्पिदागहणवग्गणाए अण्णोण्णब्भत्थरासी। तासु चेव वग्गणासु णाणासेडिसव्वपदेसा अणंतगुणा । को गुण ? अप्पिदअगहणवग्गणाए हेटिमअद्धाणं रूवाहियं । आहारवग्गणासु णाणासेडिसव्वदव्वा अणंतगुणा। को गुण? उरिमअगहणवग्गणपदेसगुणगारेणोवट्टिदआहारवग्गणअण्णोण्णब्भत्थरासी । तासु चेव भाजित अग्रहणवर्गणाकी अन्योन्याभ्यस्त राशि गुणकार है। उन्हीं अग्रहण वर्गणाओंमें नानाश्रेणि सब प्रदेश अनन्तगुणे हैं। गुणकार क्या है ? अग्रहणवर्गणाका एक अधिक अधस्तन सकल अध्वान गुणकार हैं। भाषावर्गणाओंमें नानाश्रेणि सब द्रव्य अनन्तगुणे हैं। गुणकार क्या है ? अग्रहणवर्गणाके एक अधिक अधस्तन सकल अध्वानसे भाजित भाषावर्गणाकी अन्योन्याभ्यस्त राशि गुणकार है। उन्हीं में नानाश्रेणि सब प्रदेश अनन्तगुणे हैं। गुणकार क्या है ? भाषावर्गणाका एक अधिक अधस्तन सकल अध्वान गुणकार है। भाषावर्गणाके नीचे अग्रहणवर्गणाओंमें नानाश्रेणि सब द्रव्य अनन्तगुणे हैं। गुणकार क्या है ? भाषावर्गणाके एक अधिक अधस्तन अध्वानसे भाजित विवक्षित अग्रहणवर्गणाकी अन्योन्याभ्यस्तराशि गुणकार है। उन्हीं में नानाणि सब प्रदेश अनन्त गुणे हैं। गुणकार क्या है? विवक्षित अग्रहणवर्गणाका एक अधिक अधस्तन अध्वान गुणकार है। तैजसवर्गणाओंमें नानाश्रेणि सब द्रव्य अनन्तगुणे हैं। गुणकार क्या है ? उपरिम अग्रहण वर्गणाके एक अधिक अधस्तन अध्वानसे भाजित तैजसवर्गणाकी अन्योन्याभ्यस्त राशि गुणकार है। उन्हीं में नानाश्रेणि सब प्रदेश अनन्तगुणे हैं। गुणकार क्या है ? तेजसवर्गणाका एक अधिक अधस्तन अध्वान गुणकार है । तेजसवर्गणासे अधस्तन अग्रहणवर्गणाओं में नानाश्रेणि सब द्रव्य अनन्तगुणे हैं। गुणकार क्या है ? तैजस प्रदेश गुणकारसे भाजित विवक्षित अग्रहणवर्गणाको अन्योन्याभ्यस्त राशि गुणकार है। उन्हीं वर्गणाओं में नानाश्रेणि सब प्रदेश अनन्तगुण हैं । गुणकार क्या है? विवक्षित अग्रहणवर्गणाका एक अधिक अधस्तन अध्वान गुणकार है। आहारवर्गणाओंमें नानाश्रेणि सब द्रव्य अनन्तगुणे हैं । गुणकार क्या है ? उपरिम अग्रहणवर्गणाके प्रदेश गुणकारसे भाजित आहारवर्गणाकी Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org
SR No.001813
Book TitleShatkhandagama Pustak 14
Original Sutra AuthorBhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Balchandra Shastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1994
Total Pages634
LanguagePrakrit, Hindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy