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५ , ४ , ३१) कम्माणुओगद्दारे पओअकम्मादीणं अंतरपरूवणा ( १४९ दोअंतोमुहुत्तब्भहिएहि ऊणिया सगदिदी तवोकम्मुक्कस्संतरं । किरियाकम्मस्संतरं केवचिरं कालादो होदि? णाणाजीवं पडुच्च णत्थि अंतरं । एगजीवं पडुच्च जहण्णेण अंतोमुत्तं उक्कस्सेण बेसागरोवमसहस्साणि किंचूणपुवकोडिपुधत्तेणभहियाणि । कुदो? एक्को अट्ठावीससंतकम्मियएइंदियो सण्णिचिदियसम्मुच्छिमपज्जत्तएसु उववण्णो । छहि पज्जत्तीहि पज्जत्तयदो विस्संतो विसुद्धो वेदगसम्मत्तं पडिवण्णो । किरियाकम्मस्स आदी विट्ठा । सव्वजहण्णंतोमहत्तं किरियाकम्मेणच्छिय मिच्छत्तं गदो अंतरिदो। बेसागरोवमसहस्साणं पुव्वकोडिपुधत्तेणब्भहियाणं सव्वजहणतोमहुत्तावसेसे उवसमसम्मत्तं पडिवण्णो । किरियाकम्मस्स लद्धमंतरं। पुणो सासणं गंतूण मदो एइंदियो जादो। एवं पंचहि अंतोमुत्तेहि ऊणसगद्धत्तंतरुवलंभादो । एवं तसपज्जत्तयस्स वि । णवरि जम्हि बेसागरोवमसहस्साणि पुवकोडिपुधत्तेणब्भहियाणि भणिदाणि तम्हि बेसागरोवमसहस्साणि त्ति वत्त ।
तसअपज्जत्ताणं पओअकम्म-समोदाणकम्माणं णाणेगजीनं पडुच्च त्थि अंतरं । आधाकम्मस्तरं केवचिरं कालादो होदि ? जाणाजीगं पडुच्च पत्थि अंतर । एगजीनं पडुच्च जहण्णेण एगसमओ । उक्कस्सेण असीवि---सट्ठि---ताल---चवीसभवमेत्तअतोमुहुत्ताणं
शंखेज्जा मरा और एकेन्द्रिय हुआ । इस प्रकार गर्भसे लेकर आठ वर्ष और दो अन्तर्मुहूर्त कम अपनी स्थिति तपःकर्मका उत्कृष्ट अन्तरकाल होता है। क्रियाकर्मका अन्तरकाल कितना है ? नाना जीवोंकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है । एक जीवकी अपेक्षा जघन्य अन्तरकाल अन्तर्मुहूर्त है और उत्कृष्ट अन्तरकाल कुछ कम पूर्वकोटिपृथक्त्व अधिक दो हजार सागर है, क्योंकि, अट्ठाईस कर्मोकी सत्तावाला कोई एक एकेन्द्रिय संज्ञी पंचेन्द्रिय जीव सम्मूर्छन पर्याप्तकोंमे उत्पन्न हुआ। छह पर्याप्तियोंसे पर्याप्त हो, विश्राम करके और विशुद्ध होकर वेदकसम्यक्त्वको प्राप्त हुआ। इसके क्रियाकर्मका प्रारम्भ दिखाई दिया। अनन्तर सबसे जघन्य अन्तर्मुहूर्त काल तक क्रियाकर्मके साथ रहकर मिथ्यात्वको प्राप्त हो उसका अन्तर किया । अनन्तर पूर्वकोटिपृथक्त्व अधिक दो हजार सागरमें सबसे जघन्य अन्तर्मुहूर्त काल शेष रहनेपर उपशमसम्यक्त्वको प्राप्त हुआ। इस प्रकार क्रियाकर्मका अन्तरकाल लब्ध होता है। पूनः सासादन गुणस्थानको प्राप्त होकर मरा और एकेन्द्रिय हो गया। इस प्रकार पांच अन्तर्मुहर्त कम अपनी उत्कृष्ट स्थिति क्रियाकर्मका उत्कृष्ट अन्तरकाल उपलब्ध हुआ।
इसी प्रकार त्रस पर्याप्तकोंके भी जानना चाहिए। किन्तु इतनी विशेषता है कि जहां पूर्वकोटिपृथक्त्व अधिक दो हजार सागर अन्तरकाल कहां है वहांपर दो हजार सागरप्रमाण अन्तरकाल कहना चाहिए।
त्रस अपर्याप्त जीवोंके प्रयोगकर्म और समवधानकर्मका नाना जीवों और एक जीवकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है । अधःकर्मका अन्तरकाल कितना है ? नाना जीवोंकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है। एक जीवकी अदेक्षा जघन्य अन्तरकाल एक समय है और उत्कृष्ट अन्तरकाल अस्सी, साठ, चालीस और चौबीस भवप्रमाण संख्यात अन्तर्मह?के समूहसे तीन समय कम
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